यह मामला बुधवार को कलेक्ट्रेट में हुई मौसमी बीमारियों की समीक्षात्मक बैठक में तब उठा जब जिला कलेक्टर ने भेड़ों के मरने के मामले की पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक से रिपोर्ट मांगी। संयुक्त निदेशक राजकुमार मिड्ढा ने बताया कि गांव एक जेजे में 14 भेड़ों के मरने की सूचना पाकर एसडीएम और पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृतक भेड़ों का पोस्टमार्टम करवाकर उनके लीवर और किडनी का विसरा अलग-अलग जारों में रखवाया गया।
जब यह विसरा लेकर पशुपालन विभाग के डॉक्टर थाने गए तो उन्हें एसडीएम की ओर से दी गई सूचना पर एफआईआर दर्ज करवाने की बात कही गई। कुल मिलाकर पिछले 9 दिनों से यह विसरा पदमपुर पशु चिकित्सालय में पड़ा है। जिला कलेक्टर ने भी इस मामले में तत्काल कोई निर्णय नहीं लिया।
कचरा संग्रह के नए टेंडर
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में जिला कलेक्टर ज्ञानाराम ने नगर परिषद आयुक्त से पूछा कि क्या वे शहर में एक जून से कचरा संग्रह को बंद करने जा रहे हैं। इस पर आयुक्त सुनीता चौधरी ने बताया कि घरों से कचरा संग्रह बंद करने की कोई योजना नहीं है। इसके लिए नए टेंडर किए जा रहे हैं। जिला कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र में सफाई और नालों से सिल्ट निकालने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयुक्त को सफाई कार्यों की लगातार मॉनीटरिंग करनी चाहिए।
शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर पहले ही हालात खराब हैं। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो और भी ज्यादा व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्होंने नालों की सफाई के लिए नगर परिषद और नगर विकास न्यास को बरसाती सीजन से पहले नालों की सफाई करवाने के निर्देश दिए।
कंपनी नहीं कर रही भुगतान
कृषि अधिकारी डॉ. सतीश शर्मा ने पूछे जाने पर जिला कलेक्टर को बताया कि फसल बीमा योजना में 165 प्रकरण अब भी लंबित चल रहे हैं। फसल खराबे के मामले में संबंधित कंपनी ने किसानों को उनकी फसल खराबे का मुआवजा नहीं दिया है।