Video: करोड़ों रुपए खर्च, जमीनी सच्चाई कुछ अलग जिनके नाम आयशा, सीमा, राइजिंग स्टार, रेखा व कावेरी तथा अर्जुन, सिकंदर व रोहन शामिल हैं। जो यहां पुलिस लाइन में कोई तो पंद्रह-पंद्रह साल हैं और कुछ को आठ साल हो गए हैं। पहले सेवा, फिर सवारी – पुलिस के इन आठ घोड़ों की सेवा के लिए यहां आठ हैंडलर लगे हुए हैं। इसके अलावा वहां साफ-सफाई व नरम रेत बिछाने के लिए चार सहायककर्मी लगे हुए हैं। हैंडलर अशोक कुमार व मोहम्मद आसिफ ने बताया कि नियमानुसार सभी घोड़ों की 55 मिनिट सुबह मालिश करना अनिवार्य है। इसके चलते सभी घोड़ों की करीब एक घंटे सुबह मालिश करते हैं। इसके बाद ही घोड़े तैयार होते हैं। इनको ग्राउण्ड में दौड़ाया जाता है।
नहाते ही लौटते हैं रेत में घोड़ों को सुबह धूप निकलने के बाद नहलाया जाता है। एक-एक घोड़े को नहलाते है और छोड़ देते हैं। घोड़ा नहाते ही वहां इनके लिए डाली गई रेत में लौटकर खुद को सुखाते हैं। घोड़ा जब तक रेत पर लौटता है, जब तक की पूरा रेत से नहीं भर जाता। इसके बाद शरीर को झटका देकर पूरी रेत उतार देता है।
डाइट का रखते हैं पूरा ध्यान घोड़ों के हैंडलरों ने बताया कि अस्तबल में घोड़ों को डाइट के अनुसार चने की दाल, जौ आदि खिलाया जाता है। इसके अलावा शाम को हरी घास खिलाई जाती है। इनके कार्य के अनुसार इनकी डाइट पर्याप्त है। डाइड में समय का पूरा ध्यान रखा जाता है।