script.बस्ते के बोझ से कंधों को राहत, महीने में 10 दिन नो बैग डे | Relief to shoulder from burden of baggage, No Bag Day 10 days a month | Patrika News
श्री गंगानगर

.बस्ते के बोझ से कंधों को राहत, महीने में 10 दिन नो बैग डे

नई शिक्षा नीति नो बैग डे से लाभान्वित होंगे पहली से 12वीं के विद्यार्थी ..कम होगा कक्षा-1 से 8 तक का पाठ्यक्रम

श्री गंगानगरDec 04, 2020 / 11:08 am

Krishan chauhan

.बस्ते के बोझ से कंधों को राहत, महीने में 10 दिन नो बैग डे

.बस्ते के बोझ से कंधों को राहत, महीने में 10 दिन नो बैग डे

नई शिक्षा नीति नो बैग डे से लाभान्वित होंगे पहली से 12वीं के विद्यार्थी …..बस्ते के बोझ से कंधों को राहत, महीने में 10 दिन नो बैग डे

कम होगा कक्षा-1 से 8 तक का पाठ्यक्रम
श्रीगंगानगर. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत नो बैग डे नीति लागू की जाएगी। यह पॉलिसी देश के सभी स्कूलों में लागू करनी अनिवार्य होगी। हालांकि पॉलिसी लागू करने से पहले राज्य इस पर अपने सुझाव शिक्षा मंत्रालय को भेज सकते हैं। उल्लेखनीय है कि स्कूल बैग पॉलिसी में स्कूल और अभिभावकों की अहम जिम्मेदारी तय की गई है। पहली से दसवीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल बैग छात्र के कुल वजन का दस फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।
बिना बैग आएंगे पूर्व प्राथमिक कक्षाओं के नौनिहाल
इस नीति के तहत पूर्व प्राथमिक के छात्रों के लिए कोई बैग नहीं होगा। हर स्कूल को बैग का वजन जांचने के लिए डिजिटल मशीन लगानी होगी। इसमें शिक्षक बैग का वजन जांचेंगे। स्कूल बैग हल्के और दोनों कंधो पर लटकने वाले होगें,ताकि बच्चे आसानी से उसे उठा सके। साथ ही पानी की बोतल की बजाय स्कूल में स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी। समय सारणी के आधार पर नो बैग का समय निर्धारित करना होगा, जिससे बच्चे उसी आधार पर किताब लेकर स्कूल आ सकें।
दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए होगा बुक बैंक
नो बैग डे नीति में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखा गया है। नीति में स्पष्ट किया गया है कि सभी विद्यालयों को स्कूल में अनिवार्य रूप से किताब बैंक रखना होगा। जिससे दिव्यांग विद्यार्थियों को घर से किताब नहीं लानी पड़ेगी। साथ ही इन बच्चों को बैग की सार-सम्भाल व लाने-ले जाने में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
कक्षा-1 व कक्षा-2 में प्रयोग होगी एक ही नोटबुक
पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को कक्षाकार्य के लिए एक ही नोटबुक प्रयोग करनी होगी। जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को दो नोटबुक दी जाएगी। इसमें से एक नोटबुक विद्यार्थी कक्षा में ही छोड़ेगा तथा दूसरी नोटबुक घर लेकर जाएगा। इसी तरह छठीं से आठवीं कक्षा के छात्रों को गृहकार्य के लिए खुली फाइल में कागज रखने होंगे। इससे छठीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को बार-बार कागज पर लिखकर उसे गुम करने की बजाय संभालने की आदत सीखाई जा सके।
प्री-प्राइमरी कोई बैग नहीं
पहली कक्षा 1.6 से 2.2 किलो

दूसरी कक्षा 1.6 से 2.2 किलो
तीसरी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो

चौथी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
पांचवीं कक्षा 1.7 से 2.5 किलो

छठीं कक्षा 2 से 3 किलो
सातवीं कक्षा 2 से 3 किलो
आठवीं कक्षा 2.5 से 4 किलो
नौंवी कक्षा 2.5 से 4.5 किलो

दसवीं कक्षा 2.5 से 4.5 किलो
11वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो

12वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो
फैक्ट फ़ाइल

प्रदेश में कुल स्कूल-66,044
जिले में राजकीय विद्यालय-1,923
सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी-85,75,020
जिले में कुल विद्यार्थी- 2,06,100

बस्ते के बोझ को कम करने की दिशा में ही विभाग इस सत्र में पांचवी कक्षा तक विद्यार्थियों को त्रैमासिक पाठ्यपुस्तकें भाग-1,2 व भाग-3 उपलब्ध करवाई गई है। उच्च माध्यमिक स्तर तक नो बैग डे नीति से सभी विद्यार्थियों को फायदा मिल सकेगा। विशेष रूप से सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के विद्यार्थियों को अतिरिक्त भार से पूर्णतया मुक्ति मिल सकेगी।
अमरजीत सिंह लहर, एडीइओ, माध्यमिक शिक्षा विभाग, श्रीगंगानगर

कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा कम से कम प्रभावित हो इसके लिए विभाग द्वारा लगातर नवाचार किए जा रहे हैं। 9-12 के पाठ्यक्रम को 40 प्रतिशत कम किया गया है। पहली से आठवीं तक के आदेश भी शीघ्र जारी होंगे। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत नो बैग डे योजना से भी बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा।
-सौरभ स्वामी, निदेशक, शिक्षा विभाग बीकानेर

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