इस नीति के तहत पूर्व प्राथमिक के छात्रों के लिए कोई बैग नहीं होगा। हर स्कूल को बैग का वजन जांचने के लिए डिजिटल मशीन लगानी होगी। इसमें शिक्षक बैग का वजन जांचेंगे। स्कूल बैग हल्के और दोनों कंधो पर लटकने वाले होगें,ताकि बच्चे आसानी से उसे उठा सके। साथ ही पानी की बोतल की बजाय स्कूल में स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी। समय सारणी के आधार पर नो बैग का समय निर्धारित करना होगा, जिससे बच्चे उसी आधार पर किताब लेकर स्कूल आ सकें।
नो बैग डे नीति में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों का विशेष ध्यान रखा गया है। नीति में स्पष्ट किया गया है कि सभी विद्यालयों को स्कूल में अनिवार्य रूप से किताब बैंक रखना होगा। जिससे दिव्यांग विद्यार्थियों को घर से किताब नहीं लानी पड़ेगी। साथ ही इन बच्चों को बैग की सार-सम्भाल व लाने-ले जाने में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।
पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को कक्षाकार्य के लिए एक ही नोटबुक प्रयोग करनी होगी। जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के छात्रों को दो नोटबुक दी जाएगी। इसमें से एक नोटबुक विद्यार्थी कक्षा में ही छोड़ेगा तथा दूसरी नोटबुक घर लेकर जाएगा। इसी तरह छठीं से आठवीं कक्षा के छात्रों को गृहकार्य के लिए खुली फाइल में कागज रखने होंगे। इससे छठीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को बार-बार कागज पर लिखकर उसे गुम करने की बजाय संभालने की आदत सीखाई जा सके।
पहली कक्षा 1.6 से 2.2 किलो दूसरी कक्षा 1.6 से 2.2 किलो
तीसरी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो चौथी कक्षा 1.7 से 2.5 किलो
पांचवीं कक्षा 1.7 से 2.5 किलो छठीं कक्षा 2 से 3 किलो
सातवीं कक्षा 2 से 3 किलो
नौंवी कक्षा 2.5 से 4.5 किलो दसवीं कक्षा 2.5 से 4.5 किलो
11वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो 12वीं कक्षा 3.5 से 5 किलो
फैक्ट फ़ाइल प्रदेश में कुल स्कूल-66,044
जिले में राजकीय विद्यालय-1,923
जिले में कुल विद्यार्थी- 2,06,100 बस्ते के बोझ को कम करने की दिशा में ही विभाग इस सत्र में पांचवी कक्षा तक विद्यार्थियों को त्रैमासिक पाठ्यपुस्तकें भाग-1,2 व भाग-3 उपलब्ध करवाई गई है। उच्च माध्यमिक स्तर तक नो बैग डे नीति से सभी विद्यार्थियों को फायदा मिल सकेगा। विशेष रूप से सीडब्ल्यूएसएन श्रेणी के विद्यार्थियों को अतिरिक्त भार से पूर्णतया मुक्ति मिल सकेगी।