सात साल बाद आई याद, सीवर लाइन की सफाई
Remember after seven years, cleaning of sewer line- नेहरानगर, पूजा कॉलोनी, गणपति नगर, जवाहरनगर सहित कई इलाके की मुख्य लाइन की टेस्टिंग

श्रीगंगानगर. सीवर लाइन बिछाने के करीब सात साल बाद नगर विकास न्यास प्रशासन ने आखिरकार लोगों की फरियाद सुन ली। तोशिबा वाटर सेल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से जेटिंग मशीन के माध्यम से नेहरा नगर से लेकर गुड शैफर्ड स्कूल तक, वहां से अग्रसेननगर चौक तक, वहां से जवाहरनगर सैक्टर छह तक, वहां से इंदिरा वाटिका से होते हुए अरोड़वंश पब्लिक स्कूल तक, वहां से हनुमानगढ़ रोड गरिमा चौक तक मुख्य सीवर लाइन की सफाई का काम शुरू किया है।
नगर विकास न्यास प्रशासन ने नेहरानगर में वर्ष 2013 में सीवरेज प्रोजेक्ट बिछाने का कार्य शुरू कराया था, इस सीवर लाइन बिछाने का काम तब यूईएम कंपनी को ठेका दिया था लेकिन इस कंपनी ने आधा अधूरा सीवर लाइन बिछाया और भुगतान कर चली गई। लेकिन नेहरानगर में पानी निकासी के लिए यूआईटी की ओर से नालियों और नाले का निर्माण नहीं किया था, लोगों ने इस सीवर लाइन में अपने घरों का पानी डालने का काम शुरू किया।
इसका नतीजा यह हुआ कि पूरी पाइप लाइन ही जाम हो गई। कई जगह यह पाइप लाइन टूट गई, इससे पानी का रिसाव होने लगा। इस कारण कई घरों की नींव और फर्श ध्वस्त हो गए। नेहरानगर मोहल्लेवासियों की ओर से गठित नेहरा नगर मौहल्ला सुधार समिति ने कई बार जिला प्रशासन और यूआईटी के समक्ष धरना प्रदर्शन भी किया था।
लेकिन अब इस एरिया में जेटिंग मशीन के माध्यम से सीवर लाइन साफ कराई जा रही है। यूआईटी प्रशासन ने तत्कालीन सीवर ठेका कपंनी यूईएम को करोड़ों रुपए का भुगतान किया लेकिन सीवर लाइन की शुरूआत अब तक नहीं हो पाई है।
पुराने सीवर लाइन ठेके कार्य में डोर टू डोर सीवर कनैक्शन नहीं था, एेसेे में नगर परिषद की ओर से करीब चार करोड़ रुपए का ठेका देकर अलग अलग ठेकेदारों से डोर टू डोर कनैक्शन करवाएं है, इस कार्य में सही मॉनीटरिंग नहीं हुई। नतीजन कनैक्शन के नाम पर डाली गई पाइप लाइनें नशेड़ी चुरा ले गए है तो कई जगह पाइप लाइनें उखड़ चुकी है।
कई जगह तो यह पाइप लगी भी नहीं और इसका भुगतान भी नगर परिषद प्रशासन ने कर दिया है।इस बीच यूआईटी के एक्सईएन मंगतराय सेतिया का कहना है कि जेटिंग मशीन से अब सीवर लाइन की सफाई कराई जा रही है, इससे सीवर की शुरूआत में बाधा नहीं आएगी।
वहीं तोशिबा कंपनी के साइट मैनेजर श्रवण सोनी का कहना है कि कई जगह सीवर लाइन के अंदर ईंटे, प्लास्टिक की पाइप, प्लास्टिक की थैलियां आदि निकली है। इससे पानी की निकासी नहीं हो रही थी लेकिन अब इस सफाई से आम आदमी को फायदा होगा।
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