रोडवेज की इस हडताल के चलते लोगों का भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। जिन ग्रामीणों को हड़ताल की जानकारी नहीं है, वे यहां बस स्टैण्ड पर पहुंचकर परेशान होते हैं। रोडवेज की हड़ताल के चलते निजी बसों में भारी भीड़ बढ़ गई है। रोडवेज कर्मचारी यूनियन एटक के सचिव बूटा सिंह ने बताया कि राज्य सरकार कर्मचारियों की मांगें नहीं मान रही जिसके चलते गुरुवार को चौथे दिन भी हड़ताल रह सकती है।
रोडवेज के २० हजार यात्री निजी बसों में कर रहे सफर रोडवेज बसों में औसतन बीस हजार यात्री प्रतिदिन आवागमन करते हैं। हड़ताल के चलते ये यात्री निजी बसों या अवैध रूप से संचालित वाहनों में सफर करने को मजबूर हैं। रोडवेज के ट्रैफिक मैनेजर रवि शर्मा ने बताया कि सामान्य दिनों में रोडवेज बसों में प्रतिदिन करीब बीस हजार यात्री आवागमन करते हैं। अब ये यात्री निजी वाहनों के भरोसे हैं।
लंबी दूरी तक चलती हैं रोडवेज की बसें -रोडवेज के बेडे़ में ११५ बसें है। हड़ताल के चलते इनके पहिए थमे हुए हैं। यहां से कोटा, जयपुर, अमृतसर, बीकानेर, दिल्ली सहित अन्य शहरों तक लंबी दूरी की बसें चलती हैं। अब इन बसों के बंद होने से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।
तीन दिन में ४५ लाख का नुकसान हड़ताल के कारण रोडवेज को तीन दिन में करीब ४५ लाख रुपए का नुकसान हुआ है। यदि हड़ताल लंबी खिंचती है तो नुकसान भी बढ़ता जाएगा।