जयपुर-श्रीगंगानगर के बीच मुम्बई की निजी विमानन कंपनी सुप्रीम ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने 10 जुलाई से इन्ट्रा स्टेट हवाई सेवा शुरू की है। यात्री भार अपेक्षा के अनुरूप मिलने से कंपनी श्रीगंगानगर से दिल्ली के बीच हवाई सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है। लेकिन एयर क्राफ्ट एक्ट 1937 के नियमों ने हवाई सेवा को चक्कर घिन्नी बना दिया है। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर जब जी चाहे इन नियमों का हवाला देकर विमान के हवाई मार्ग को बदल देते हैं, जिससे विमान को सिरसा या दिल्ली होकर जयपुर-श्रीगंगानगर के बीच आवागमन करना
पड़ता है।
सीधा है हवाई मार्ग
जयपुर से श्रीगंगानगर और श्रीगंगानगर से जयपुर के लिए सीधा हवाई मार्ग है जो सूरतगढ़, सरदारशहर और सीकर होते हुए है। इस मार्ग से विमान आवागमन करता है तो यात्रा 1 घंटा 50 मिनट में पूरी होती है। लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के आदेश की पालना में विमान श्रीगंगानगर से सिरसा होते हुए जयपुर के लिए उड़ान भरता है तो यह दूरी तय करने में बीस से पच्चीस मिनट ज्यादा लगते हैं। सिरसा वाले मार्ग पर एयर ट्रैफिक ज्यादा हो तो ऐन मौके पर फ्लाइट रद्द करनी पड़ती है।
जमाना बदला, नियम नहीं
डिजिटल इंडिया के जमाने में अंग्रेजों के जमाने के नियमों से एयर ट्रैफिक कंट्रोल हो रहा है जबकि देश में हवाई सेवा का निरंतर विस्तार हो रहा है। केन्द्र सरकार जनता को बेहतर हवाई सेवा देना चाहती है तो इसके लिए पुराने नियमों में बदलाव करना होगा। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को यात्रियों को हो रही असुविधा से अवगत करवा चुके हैं।
अमित अग्रवाल,
अध्यक्ष, सुप्रीम ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन प्रा. लिमिटेड, मुम्बई