मुख्य अभियंता बीपी नागर ने बताया कि पूर्व में दिसम्बर माह में इकाई के परीक्षण के दौरान 200 मेगावाट ही बिजली उत्पादन किया गया था। इस बार इकाई से आगामी सात दिनों में सभी तरहां के प्रोटेक्शन की जांच करते हुए धीरे धीरे लोड बढाते हुये 660 मेगावाट तक बिजली उत्पादन किया जाएगा। इकाई के फूल लोड पर आने के बाद इकाई से लगतार बिजली उत्पादन जारी रखने की संभावना है।
अतिरिक्त मुख्य अभियंता केसर सिंह ने बताया कि गत वर्ष दिसम्बर माह में परीक्षण के तौर पर बिजली उत्पादन करने के बाद शनिवार शाम 4 बजकर 45 मिनट पर 660 मेगावाट की सातवीं सुपर क्रिटीकल इकाई को पुनः सिंक्रोनाइज किया गया। उन्होंने बताया कि धीरे धीरे इकाई का लोड बढ़ते हुए आगामी सात दिनों में इकाई से 660 मेगावाट तक बिजली उत्पादन किया जायेगा।
गौर तलब है की गत वर्ष जून माह मे स्टीम ब्लोइंग प्रक्रिया के दौरान इकाई के एयर प्री हीटर ( एपीएच ) में आग लगने के कारण इकाई को एक एपीएच पर दिसम्बर माह में सिंक्रोनाइज किया गया था। जिसके कारण इकाई से पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन नही लिया जा सकता था। अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने बताया कि आग लगने से खराब हुआ एपीएच ठीक होकर आने के बाद अब इकाई को पूरी क्षमता से चलाने की प्रक्रिया के तहत शनिवार को सिंक्रोनाइज किया गया है।
इस अवसर पर भारत हैवी इलेक्ट्रिकल के महाप्रबंधक एम आर दास, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस एल छिम्पा, राकेश वर्मा, उप मुख्य अभियंता एस सी सहारण, अधीक्षण अभियंता इलेक्ट्रिकल एस पी बंसल, बॉयलर के अधिशाषी अभियंता सी एल टाक आदि उपस्थित थे। शनिवार शाम 6 बजे तक 660 मेगावाट की सातवीं सुपर क्रिटीकल इकाई से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था।
-देरी से नुकसान 20 जून 2013 को यू पी ए अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा शिलान्यास की गई 7हजार 920 करोड़ की अनुमानित लागत वाली सातवी इकाई से विद्युत उत्पादन का लक्ष्य सितम्बर 2016 एवम आठवी इकाई से विद्युत उत्पादन का लक्ष्य दिसम्बर 2016 निर्धारित किया गया था। इसके पश्चात जितने भी दिन विद्युत उत्पादन में देरी होती है उस पर प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये निर्माण अवधि ब्याज पावर फाइनेंस कारपोरेशन एवम रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन को देना पड़ेगा इस लिहाज से अब तक करीब 3000 करोड़ रुपये की ब्याज राशि इकाइयों की लागत में ओर जुड़ चुकी है।