scriptखरीफ फसल के अंकुरित पौधे हुए नष्ट | sprouted plants damaged by windstorm | Patrika News
श्री गंगानगर

खरीफ फसल के अंकुरित पौधे हुए नष्ट

पिछले दिनों में तेज गर्मी के साथ धूल भरी आंधी के चलते खेतों में बोयी गई ग्वार व मूंग के अधिकतर पौधे जल गए हैं।

श्री गंगानगरJul 08, 2018 / 09:32 pm

vikas meel

field

field

घड़साना.

पिछले दिनों में तेज गर्मी के साथ धूल भरी आंधी के चलते खेतों में बोयी गई ग्वार व मूंग के अधिकतर पौधे जल गए हैं। आस-पास रेतीले स्थानों पर धूल के गुबार उडऩे से अंकुरित बीज रेत से पूरी तरह ढक गए हैं। इस आंधी के चलते अंकुरित फसल खराब होने के कारण किसानों की मेहनत व्यर्थ में चली गई। मौसम की मार के चलते कई किसानों को बुवाई व बीज के एवज में हजारों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है।


एमएलडी, एमएलकेए धान्धड़ा वितरिका के अन्तिम छोर के किसान सुखासिंह, मुखत्यारसिंह, काशी राम आदि ने बताया कि तीन माह से अधिक समय बाद नहर में सिंचाई पानी मिलने के कारण किसानों ने कई साल बाद जून में फसल की बिजान किया था। जून माह में नहरों में पानी मिलने पर किसानों ने इस बार अधिकांश क्षेत्र में गवार, तिल व मूंग की बुवाई की। वहीं कई किसानों ने हरे चारे की फसल की बुवाई की। मई माह में पानी नहीं मिलने पर किसान नरमा कपास की बुवाई से वंचित रहे गए।

 

जून में अब तक 40-45 डिग्री तक तापमान रहने वाले इस भू-भाग में खरीफ सीजन की बोयी गई अंकुरित फसल पचास फीसदी नष्ट हो चुकी है। वहीं कई चकों धूल भरी आंधी के कारण रेत में दबने बीज अंकुरित नहीं हुआ। अनूपगढ शाखा में खरीफ फसल की बुवाई के लिए एक बारी पानी मिलने पर किसानों ने औसतन पांच छह बीघा प्रति मुरब्बा में बुवाई कर ली थी। नाहरांवाली, लूणिया, डब्बर, एमएलडी, केडी, सखी, केएनडी, केपीडी आदि नहरों के किसानों को लगातार आंधी चलने के कारण अंकुरित फसल खराब होने के समाचार मिल रहे हैं। किसानों ने फसल बुवाई के लिए हजारों रुपए का हुए नुकसान की भरपायी की मांग सरकार से की है।

 

हजारों रुपए का हुआ नुकसान

कभी बरसात ने तो कभी आंधी ने फसल को बर्बाद कर दिया है धूल भरी आंधी के कारण फसल नष्ट हो चुकी है। किसान कर्जाऊ हो गया है। अब पानी मिलेगा तब दुबारा फसल की जाएगी तब तक बुवाई का समय निकल जाएगा।- दर्शनसिंह नाई, धांधड़ा माइनर घड़साना।


आंधी व तापमान से अंकुरित फसल को नुकसान

क्षेत्र में इस बार गवार व मूंग की फसल की बुवाई की गई थी। किसानों को 20 जून के बाद नहरों में पर पानी मिलने के कारण बोयी गई फसल का अच्छा उठाव होने की उम्मीद थी। धूल भरी आंधी तथा 40-45 डिग्री तापमान रहने के कारण सलें झुलस कर खराब हो रही है। कुछ खेतों में आसपास रैतीला क्षेत्र नहीं होने आंधी का असर कम हुआ है। –
देवी सिंह बीदावत, कृषि पर्यवेक्षक, जालवाली, घड़साना।

Home / Sri Ganganagar / खरीफ फसल के अंकुरित पौधे हुए नष्ट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो