न्यायाधीश विनित कुमार माथुर ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रहे अशोक चांडक की ओर से दायर चुनाव याचिका पर निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ को नोटिस जारी किए। याची की ओर से अधिवक्ता विकास बालिया तथा राजेश परिहार ने कोर्ट को बताया कि निर्दलीय प्रत्याशी गौड़ ने वर्ष 2008 में चुनाव लड़ा था, तब नाम निर्देशन पत्र में खुद के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामले का हवाला दिया गया था।
हाल ही वर्ष 2018 में संपन्न हुए चुनावों में नाम निर्देशन पत्र में प्रत्याशी गौड़ ने आपराधिक मुकदमा लंबित होने के कॉलम में सूचना शून्य बताई, जबकि प्रतिवादी के खिलाफ पूर्व में लंबित प्रकरण मेें चालान पेश हो चुका है और कोर्ट चालान के आधार पर संज्ञान भी ले चुका है। बालिया ने बताया कि यदि प्रतिवादी खुद के खिलाफ लंबित आपराधिक प्रकरण की जानकारी का नाम निर्देशन पत्र में उल्लेख करता तो उसे नए नियमों के अनुसार समाचार पत्रों में भी इस आशय की जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ती।
ऐसा करने पर मतदाताओं के मानस प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए प्रतिवादी ने जानकारी छिपाई। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक प्रकरणों से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि चुनाव याचिका परिणाम जारी होने के नियत 45 दिन के भीतर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रस्तुत की गई है, इसलिए विचारणीय है। न्यायाधीश माथुर ने निर्वाचित विधायक को नोटिस जारी करते हुए 4 अप्रैल को अगली सुनवाई निर्धारित की।