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श्री गंगानगर

SriGanganagar छलनी सड़कें, टूटे रास्ते और बिगड़ी चाल

Strained roads, broken roads and bad gait- बरसात के बाद श्रीगंगानगर शहर की अधिकांश सड़कें हुई जर्जर

श्री गंगानगरJul 02, 2022 / 01:04 pm

surender ojha

SriGanganagar छलनी सड़कें, टूटे रास्ते और बिगड़ी चाल

SriGanganagar छलनी सड़कें, टूटे रास्ते और बिगड़ी चाल

छलनी सड़कें, टूटे रास्ते और बिगड़ी चाल
– बरसात के बाद श्रीगंगानगर शहर की अधिकांश सड़कें हुई जर्जर
श्रीगंगानगर। इलाके में लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी मानूसन की बरसात का दौर जारी रहा। लगातार दो दिन बरसात से शहर की अधिकांश सड़कें जर्जर हो गई है। बरसाती पानी को झेलने में नाकाम रही इन सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। वहीं सड़कों से पानी उतरने के बाद वाहनों के लगातार चलने से धूल के कण नई आफत लेकर आए है। इस धूल से पैदल और दुपहिया वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी हो रही है। वहीं नगर परिषद के सफाई कार्मिकों को सड़क पर बुहारी लगाने में अड़चन आने लगी है। सड़क से निर्माण सामग्री जैसे ग्रिट और डामर निकलकर बिखर चुके है। पानी निकासी की समस्या भी कई इलाकों में बनी हुई है। तीन माह पहले मानसून से पहले की तैयारियों को लेकर कलक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन ने नगर परिषद, यूआईटी और आरयूआईडीपी को जल भराव एवं अन्य समस्याओं से निपटने के लिए आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए थे। लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने कभी यह जानने का प्रयास तक नहीं किया कि इंतजाम हो भी रहे है या सिर्फ कोरी बातों से काम चल रहा है। नतीजन मानसून की पहली बरसात ने नगर परिषद और यूआईटी के इंतजामों की पोल खोल दी। सीवर और पेयजल पाइप लाइन बिछाने के लिए पिछले दो साल से शहर की सड़कों की खुदाई और बाद में मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर रही नोडल एजेंसी आरयूआईडीपी ने बाकी कसर पूरी कर दी। बरसाती पानी में आरयूआईडीपी का विकास कार्य बह गया। इसकी बनाई सड़कें बरसाती पानी को झेल नहीं पाई। सीवरेज और पेयजल की पाइप लाइनें बिछाते समय मिट्टी अच्छी तरह नहीं जमाने से जगह-जगह सड़कें धंस गई और उनमें वाहन फंसे नजर आए।
इधर, बरसाती पानी की निकासी नहीं होने से लोग शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक आवाजाही करने के लिए परेशान हो उठे। जन समस्याओं को उठाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहर के अधिकांश पार्षद चादर तानकर सोए रहे। नगर परिषद के अफसर यही दावा करते रहे कि पानी ज्यादा बरसा है, इस कारण निकासी में समय लगेगा। जबकि न्यास प्रशासन ने शहर में पानी निकासी और सफाई का जिम्मा नगर परिषद का होने का कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
शहर के ब्लॉक एरिया, बाजार एरिया, इंदिरा कॉलोनी, बसंती चौक एरिया आदि जगहों पर आरयूआईडीपी की ओर से सीवर और पेयजल पाइप लाइन डालने के बाद बनाए गए चैम्बर टूट गए तो कई जगह पेचवर्क ऐसे उखड़े कि गड्ढे़ बन गए। इन जगहों पर राहगीरों के गिरने, दुपहिया और चौपहिया वाहनों के फंसने की घटनाएं हुई। आसपास के दुकानदारों ने अपनी दुकानों के साइन बोर्ड तो किसी ने भगवान को चढ़ाए जाने वाली ध्वजा लगाकर दुर्घटना संभावित क्षेत्र का संकेत राहगीरों और वाहन चालकों को दिया। इनको देखकर दुपहिया और चौपहिया वाहन बचाव करते हुए आगे बढ़े। इसके बावजूद कई जगह वाहन फंस गए तो कई वाहनों के इंजन जवाब दे गए।
इलाके के उच्चाधिकारियों के ज्यादातर सरकारी आवास रेलवे लाइन पार है। आवास से ऑफिस तक आवाजाही करने के लिए उनके वाहनों गंगासिंह चौक या मल्टीरपरपज स्कूल के पास बने आरयूबी को पार करना पड़ता है। दोनों आरयूबी बरसाती पानी में डूब गए तो नगर परिषद प्रशासन ने पानी निकलवाने के लिए वैक्यूम कम जैटिंग मशीन वाले दो बड़े वाहन और दो टैँकरों को लगाया। वैक्यूम वाहन में एक जिसकी क्षमता साढ़े आठ हजार लीटर पानी खींचकर स्टोरेज करने और दूसरे की करीब साढ़े चार हजार पानी स्टोरेज की क्षमता है। इन दोनों बड़े वाहनों को सुखाडि़या सर्किल, गोशाला मार्ग, दुर्गा मंदिर एरिया, जवाहरनगर गगन पथ, मीरा मार्ग, सूरतगढ़ मार्ग के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया जबकि सबसे ज्यादा बदहाल िस्थति यहीं पर थी।
इस बीच, नगर परिषद सभापति करुणा चांडक के विनोबा बस्ती िस्थत आवास से लेकर दुर्गा मार्केट के रमेश चौक तक पूरी गली पानी से लबालब नजर आई। सुखाडि़या सर्किल से लेकर बीरबल चौक तक, सुखाडि़या सर्किल से शिव चौक, सेतिया कॉलोनी, पुरानी आबादी की अधिकांश गलियों, जवाहरनगर एरिया, अग्रसेननगर चौक एरिया, ब्लॉक एरिया के पी ब्लॉक, एच ब्लॉक, जी ब्लॉक, डी ब्लॉक, सी ब्लॉक, एल ब्लॉक, ई ब्लॉक, एन ब्लॉक, तहसील कार्यालय एरिया आदि में बरसात के चौदह घंटे बीतने के बावजूद जलभराव की िस्थति रही। सुखाडि़या सर्किल और शिव चौक पर जल भराव होने के कारण अधिकांश पनवाडि़यों के खोखे, सब्जी और फलों की रेहडि़यां नहीं लगी। वहीं महावीर दल मंदिर से लेकर बीरबल चौक तक सब्जी मंडी के अस्थायी दुकानदारों की दुकानदारी प्रभावित रही। इधर, नई धानमंडी के अंदर भी पानी निकासी की समस्या को लेकर राहगीर परेशान रहे।

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