वहीं कॉलेज के अंदर विजिंग कार्ड और पम्फलेट बांटने का सिलसिला रोजाना होता है। लेकिन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए कॉलेज प्रशासन ही चुस्त नजर आता। ऐसे में छात्रों (Student) के अलग अलग ग्रुप अपने दावेदार की छवि छात्रहित में दिखाने का प्रयास कर रहे हैै। हालांकि कॉलेज कैंपस में सख्ती बरतने के लिए कई महाविद्यालयों के प्रिंसीपल ने व्याख्याताओं की टीमों का गठन किया गया।
इससे छात्र संगठन कॉलेज परिसर में न तो प्रचार प्रसार की सामग्री बांट सकें और न ही किसी भी तरह की चुनावी गतिविधियां हो सकेंगी। लेकिन ऐसी टीमें कागजों में सिमट कर रह गई है। कॉलेज गेट पर बाहरी युवाओं का जमावड़ा चुनावी फिजां बनाने के लिए आते है। इधर, कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्रसंघ चुनाव की नियमित गाइडलाइन की प्रक्रिया से पहले छात्रों को आई-कार्ड दिए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया नामाकंन पत्र भरने से ठीक एक दिन पहले तक चलेगी।
चुनाव में संभावित प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ डोर टू डोर जनसंपर्क का अभियान तेज कर दिया है। सुबह से लेकर शाम तक दूर दराज गांवों में एक एक मतदाता तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं शाम को सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रहित के मुद्दे पर वोट मांगने की अपील की जाने लगी है। एक एक मतदाता के मोबाइल फोन पर मैसेज के लिए अलग से दावेदारों की टीम कर रही है। कॉलेज के प्रत्येक समस्या को चुनावी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। छात्राअेां से वोट मांगने के लिए संभावित प्रत्याशियों के परिवार की महिलाओं को कमान सौंपी गई है।
वर्तमान चुनावी कार्यक्रम के अनुसार 19 अगस्त को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा, 20 अगस्त को सुबह दस से दोपहर एक बजे तक मतदाता सूची पर आपित्त प्राप्त कर सकेंगे, दोपहर दो से शाम पांच बजे तक सूचियों का अंतिम प्रकाशन होगा। 22 अगस्त को उम्मीदवारी के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे, 23 अगस्त को त्रुटि मिलने वाले नामांकन सूची का प्रकाशन व इसी दिन दोपहर दो से शाम पांच बजे तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन, 27 अगस्त को सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक मतदान व मतगणना 28 अगस्त को होगी।