script24 साल में बन रहा ऐसा योग, मई-जून में नहीं बजेगी शहनाई और इस दिन से शुरू होंगे शुभ कार्य | Such a combination is being formed in 24 years, the wedding music will not be played in May-June and auspicious works will start from this day | Patrika News
श्री गंगानगर

24 साल में बन रहा ऐसा योग, मई-जून में नहीं बजेगी शहनाई और इस दिन से शुरू होंगे शुभ कार्य

ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली मिलान, गुण दोष मिलान किया जाता है। इसके अलावा गुरु और शुक्र को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। यदि आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदितमान हो तभी विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं।

श्री गंगानगरApr 29, 2024 / 11:53 am

जमील खान

No Marriages In May-June After 24 Years : श्रीगंगानगर. हर साल मई और जून में शादियों के भरपूर मुहूर्त होते हैं, लेकिन इस बार गुरु व शुक्र तारा अस्त होने से मई और जून में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है। इसके बाद चातुर्मास के कारण चार माह कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा। इस अवधि में मात्र दो दिन आखातीज और देवउठनी एकादशी पर सावों का अबूझ मुहूर्त होने से शादियां हो सकेंगी। पंडित शिवदयाल शास्त्री ने बताया कि वैशाख कृष्णा चतुर्थी 28 अप्रेल से आषाढ़ कृष्णा अमावस्या 5 जुलाई तक शुक्र का तारा अस्त रहेगा।
इसी दौरान वैशाख कृष्णा चतुर्दशी 7 मई से ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी 31 मई को गुरु का तारा अस्त रहेगा। गुरु व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी, लेकिन वैशाख शुक्ला तृतीया आखातीज 10 मई को अबूझ मुहूर्त होने से विवाह करने में कोई दोष नहीं रहेगा। ज्योतिषों की मानें तो करीब 24 साल बाद ऐसा योग बना है जब मई और जून में शुक्र के अस्त होने से विवाह नहीं होंगे।
देवउठनी पर मुहूर्त
देव शयनी एकादशी अर्थात आषाढ़ शुक्ला एकादशी 17 जुलाई से देव उठनी एकादशी अर्थात कार्तिक शुक्ला एकादशी 12 नवंबर तक चार माह देव-शयन काल होने से विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। ऐसे में अप्रेल से लेकर नवंबर के बीच आखातीज और देवउठनी एकादशी पर विवाह के अबूझ मुहूर्त रहेंगे।
विवाह के कारक ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में विवाह के लिए कुंडली मिलान, गुण दोष मिलान किया जाता है। इसके अलावा गुरु और शुक्र को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है। यदि आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदितमान हो तभी विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं। यदि ये ग्रह अस्त हो तो विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होता। दोनों ग्रह के अस्त होने से मई-जून में विवाह के फेरे नहीं लिए जा सकेंगे।
यह हैं अबूझ सावे
10 मई को अक्षय तृतीया

16 मई को जानकी नवमी

23 मई को पीपल पूर्णिमा

16 जून को गंगा दशमी

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