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श्री गंगानगर

सूरतगढ़ मंडी बन रही कॉटन हब, किसान होंगे मालामाल

राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे विशेष अनुदान के बाद क्षेत्र में नई कॉटन फैक्ट्रियां स्थापित होने में इजाफा हो रहा है। सबसे खास बात यह है कि नई फैक्ट्रियों की वजह से किसानों के सफेद सोने की शत-प्रतिशत खरीद होगी। इससे जहां अच्छे दाम मिलने से किसान मालामाल होंगे। वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।क्षेत्र में गेहूं के बाद कॉटन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। इस वजह से किसानों को इन दोनों फसलों से उम्मीद रहती है। सूरतगढ़ में कॉटन फैक्ट्रियों का संचालन लम्बे समय से हो रहा है। हालांकि बीच में कई फै

श्री गंगानगरOct 18, 2021 / 12:00 am

yogesh tiiwari

सूरतगढ़ मंडी बन रही कॉटन हब, किसान होंगे मालामाल

सूरतगढ़ मंडी बन रही कॉटन हब, किसान होंगे मालामाल

जितेन्द्र ओझा. सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर). राज्य सरकार की ओर से दिए जा रहे विशेष अनुदान के बाद क्षेत्र में नई कॉटन फैक्ट्रियां स्थापित होने में इजाफा हो रहा है। सबसे खास बात यह है कि नई फैक्ट्रियों की वजह से किसानों के सफेद सोने की शत-प्रतिशत खरीद होगी। इससे जहां अच्छे दाम मिलने से किसान मालामाल होंगे। वहीं रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।क्षेत्र में गेहूं के बाद कॉटन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। इस वजह से किसानों को इन दोनों फसलों से उम्मीद रहती है। सूरतगढ़ में कॉटन फैक्ट्रियों का संचालन लम्बे समय से हो रहा है। हालांकि बीच में कई फैक्ट्रियां मंदी की वजह से कई फैक्ट्रियां बंद भी हुई।
वर्तमान में रीको क्षेत्र में राजस्थान कॉटन एण्ड जनरल मिल, बालचंद कॉटन इण्डस्ट्रीज, सारड़ा कॉटन इण्डस्ट्रीज, सिंगला इण्डस्ट्रीज, अमरपुरा के पास जय जीण भवानी कॉटन इण्डस्ट्रीज, भगवानगढ़ क्षेत्र में जय ब्रह्माणी कॉटन फैक्ट्री व सीबी गोयल कॉटन इंडस्ट्रीज का संचालन हो रहा है। इसी क्षेत्र में बीकानेर सूरतगढ़ रोड पर श्रीश्याम एग्रो, भगवानगढ़ क्षेत्र में धनलक्ष्मी कॉटेक्स, श्रीसावंरिया कॉटेक्स, सादा ग्रीन इण्डस्ट्रीज भी स्थापित हो रही है। यहां सबसे खास बात यह है कि पुरानी फैक्ट्रियों में भी मशीनों के कलपुर्जे अब नहीं आ रहे हैं। इस वजह से पुरानी फैक्ट्रियों के संचालकों ने भी प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाने के लिए मशानें बदल ली है।
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फैक्ट्रियां स्थापित करने पर ये मिल रही रियायतें

राज्य सरकार की कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति 2019 के तहत नई इकाइयां स्थापित करने में विशेष रियायत दी जा रही है। पूंजीगत लागत पर अन्य पात्र उद्यमियों को 25 प्रतिशत, अधिकतम 50 लाख रुपए तक का अनुदान एवं बैंक ऋण पर 5 प्रतिशत तक प्रसंस्करण इकाइयों पर अधिकतम 50 लाख रुपए तक एवं आधारभूत संरचना पर एक करोड़ रुपए तक का कुल ब्याज अनुदान मिलता है। विद्युत प्रभार में एक रुपए प्रति इकाई की दर से सालाना दो लाख रुपए का पांच वर्ष तक पुनर्भरण की छूट मिलती है। राज्य में उत्पादित कृषि जिंसों के निर्यात पर सालाना दस से पन्द्रह लाख रुपए का तीन वर्ष तक परिवहन अनुदान भी दिया जाता है। वही मंडी शुल्क में भी शत प्रतिशत छूट मिलती है।
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आसमान छू रहे भाव, खिले किसानों के चेहरे
इस बार उत्पादन कम होने से नरमे के भाव आसमान छू रहे हैं। इससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। एक अक्टूबर को 7446 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला नरमा महज एक पखवाड़े में ९४९ रुपए चढक़र 16 अक्टूबर को 8395 रुपए प्रति क्विंटल बिका। व्यापारियों की माने तो नरमा के भाव दस हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं।
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किसानों को मिलेगा फायदा
क्षेत्र में कॉटन फैक्ट्रियां खुलने से किसानों को फायदा होगा। इससे किसान का माल हाथोहाथ अच्छे दामों पर बिकेगा। वही फैक्ट्रियों के माध्यम से अन्य लोगों को भी रोजगार मिलेगा।
-ओमप्रकाश ओझा, कॉटन ब्रोकर, सूरतगढ़

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कॉटन कारोबार छुएगा नई ऊंचाइयां
राज्य सरकार नई इकाइयों की स्थापना के लिए अनुदान दे रही है। इस वजह से क्षेत्र में कॉटन फैक्ट्रियां स्थापित हो रही है। इससे कॉटन कारोबार नई ऊंचाइयां छुएगा।
-सुरेन्द्र खोथ, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, सूरतगढ़

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