कोतवाली के एएसआई महेन्द्र सिंह और कानिस्टेबल विरेन्द्र सिंह की टीम ने इस ईनामी घोषित अपराधी मणि पुत्र गिरधारी लाल उर्फ राजेंद्र कुमार वाल्मीकि को दिल्ली एरिया के गांव कराला से गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि 14 अक्टूबर 2010 को मकान नम्बर ९२ एल ब्लॉक निवासी शेर अमीर सिंह पुत्र लक्ष्मणदास सुनार ने कोतवाली में मामला दर्ज कराया था।
इसमें बताया कि वह १४ अक्टूबर २०१० को अपने घर पर पत्नी और नौकरानी के साथ था। तभी घर के गेट पर लगी घंटी बजी तो उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला था। जैसे ही गेट खोला तो दो व्यक्ति सामने आए और उनके पीछे चार-पांच युवक एकाएक आकर उसे और उसकी पत्नी की कनपटी पर पिस्तौल तान दी।
इन अपराधियों ने उसके घर से पत्नी का डायमंड टॉपस, चार सोने की अगंूठी, एक सोने की चैन, ३-४ घडि़यां, दो मोबाइल फोन और कुछ रुपए व अन्य सामान लूट ले गए। इस पर तत्कालीन सीआई नारायणसिंह ने जांच कर आरोपियों हरपाल सिंह उर्फ बॉबी, अमन उर्फ गोगा, साहिल उर्फ सोनू, गुरसेवक सिंह उर्फ सोना, लखबीर सिंह उर्फ लक्की, कालासिंह और पप्पी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया।
इस प्रकरण में आरोपी पंजाब के पटियाला की गुरबक्श कॉलोनी निवासी मणि पुत्र गिरधारी लाल वाल्मीकि दस सालों से फरार था। अदालत ने इस आरोपी को मफरूर घोषित कर दिया। इस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस प्रशासन ने दस हजार रुपए का ईनाम भी घोषित किया। कोतवाली सीआई गजेन्द्र सिंह जोधा के निर्देशन में एएसआई महेन्द्र सिंह की अगुवाई में एक टीम गठित की गई।
इस टीम ने अपने सूत्रों और मुखबिरों की सूचना के आधार पर दिल्ली रोहिणी के कराला गांव हाल वर्धमान एन्केलव के मकान नम्बर १५९ ग्राउण्ड $फलोर से गिरफतार किया।