विद्यालय प्रशासन की ओर से भी मैदान की हालत के सुधार के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। इस विद्यालय में बने खेल मैदान में कई बार जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं भी करवाई जा चुकी हैं। लेकिन यहां खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आने वाले बच्चों को परेशानियों से जूझना पड़ता है। इतना ही नहीं खेल मैदान में बने बास्केट बॉल ग्राऊण्ड की हालत भी खस्ता है। मैदान का पक्का बेस भी कई जगह से क्षतिग्रस्त है और दोनों तरफ लगे पोल भी टूट चुके हैं। इसके अलावा फुटबाल के लिए लिए बने पोल नेट के अभाव में गैर उपयोगी बने हैं। प्राध्यापकों ने बताया कि कई बार पीडब्लयूडी के स्थानीय अधिकारियों से मिलकर अनुमानित बजट बनवाकर भिजवाने के लिए प्रयास किए गए हैं। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते यह संभव नही हो पाया।
स्टेडियम की खल रही कमी
नागरिकों ने बताया कि ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र से घिरा है। यहां बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। यदि अच्छा खेल मैदान मिले तो बेहतर खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं। भारतीय किसान संघ के प्रान्तीय मंत्री सत्यनारायण गोदारा, व्यापार मंडल अध्यक्ष विकास मिड्ढ़ा, ग्राम पंचायत गोमावाली संरपच अर्जुन गोदारा, भारत विकास परिषद् अध्यक्ष राकेश नागपाल, सुभाष सोढ़ा, ताराचन्द सामरिया, गोपाल मेघवाल आदि ने बताया कि यदि बेहतर सुविधाएं मिले तो खिलाडियों का प्रदर्शन भी बेहतर हो सकता है। सरकार के प्रतिनिधियों से संपर्क कर खेल मैदान को स्टेडियम के रूप में बदलने का प्रयास किया जाएगा।