हालांकि रेलवे पुलिस के जवान व्यवस्था बनाने का पूरा प्रयत्न करते हैं लेकिन यात्री भार अधिक होने की वजह से लोगों की जेब कट जाती है, क्योंकि टिकट लेने वाले यात्रियों की भीड़ की महिला पुरुषों की तीन लाइनें रेलवे के वेटिंग हॉल को भरने के बाद प्लेटफार्म तक पहुंच जाती है।
एक और ई.वी.टी.एम. मशीन की आवश्यकता
स्थानीय रेलवे स्टेशन पर टिकट खिडकी के अलावा एक ऑटोमेटिक ई.वी.टी.एम. भी लगी है। इसके बावजूद रेलगाड़ी आने के समय सभी टिकट खिड़कियों पर इतनी भीड़ हो जाती है कि सभी यात्रियों को टिकट तक नहीं मिल पाती। यात्री बिना टिकट के यात्रा करने पर मजबूर होते हैं। इससे रेलवे को तो राजस्व का नुकसान होता ही है, यदि चैकिंग आ जाए तो आधा घंटा लाइन में लगने के बावजूद यात्रियों को जुर्माना देना पड़ता है।
-गंगाबिशन सेतिया, संरक्षक रेल संघर्ष समिति, अनूपगढ़