बायावेस्ट के बैग भी भरे पड़े है। जिस वार्ड में जाओ वहां गंदगी से सामना हो रहा है। इन वार्डों में भती रोगियों की हालत और भी खराब हो रही थी, उनके परिजनों ने पिछले अड़तालीस घंटों से लगातार नर्सिग कर्मियों और चिकित्सकों से शिकायत भी की लेकिन कोई भी सफाई कर्मी गंदगी साफ करने के लिए नहीं आया। यहां तक कि ऑपरेशन थियरेटर के आगे भी बुहारी तक नहीें लगी हुई थी। चिकित्सालय प्रशासन ने नेशनल सुलभ संस्थान को ठेका दे रखा है, ठेकेदार की एप्रोच होने के कारण चिकित्सालय प्रशासन कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है।
दवा की जगह मिल रहा है दर्द
ऑपरेशन किए रोगियों में गंदगी से संक्रमण अधिक फैलता है। ऐसे में चिकित्सक स्वच्छता बनाए रखने की नसीहत देते है। लेकिन चिकित्सालय परिसर में ही गंदगी की भरमार हो तो इसे आप क्या कहेंगे। चिकित्सालय परिसर में डे केयर कैंसर रोगी वार्ड में सबसे बुरी हालत थी। बैड की चद्दर मैली कुचली डस्टबीन की जगह पर पड़ी थी। बैड पर चाद्दरें तक नहीं मिली। यहां तक कि गंदगी इतनी कि वहां एक मिनट तक खड़ा होने से स्वस्थ व्यक्ति की हालत खराब होने लगी, वहां भर्ती रोगी महिला की हालत खराब हो रही है। यही स्थिति अन्य वार्डो की थी, वहां फर्श पर पिछले तीन दिन से पोचा तक नहीं लगा हुआ था। लघुशंका और शौचालय की गंदगी से शौचालय घर बदबू से भभक मार रहे थे।
…एक बार भी सफाई ढंग से नहीं हो रही
चिकित्सालय प्रबंधन और ठेकेदार के बीच सफाई कार्य को लेकर ठेका तय हुआ था। नियम और शर्तों की पालना कराने का अनुबंध भी हुआ था। इसमें ठेकेदार को सुबह 6 बजे से 7 बजे तक, सुबह 10 बजे से सुबह 11 तक, दोपहर 12 बजे से दोपहर एक बजे तक, दोपहर दो बजे अपराह्न तीन बजे तक, शाम पांच बजे से शाम छह बजे तक और रात दस बजे से रात 11 बजे तक कुल छह समय में सफाई करनी होगी।
दिन में छह बार फिनाइल से और सप्ताह में दो बार एसिड से सफाई की जाएगी। ऐसा नहीं करने पर ठेका राशि का बीस प्रतिशत जुर्माना वसूला जाएगा। जबकि हकीकत में छह बार तो दूर एक बार भी सफाई भी ढंग से नहीं हो रही है। पीएमओ के आदेश पर गठित मॉनीटरिंग कमेटी सबकुछ जानते हुए कार्रवाई करने से परहेज कर रही है।
नोटिस देकर किया तलब
यह सही है कि राजकीय जिला चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था पिछले दो दिनों से चौपट है। इस संबंध में ठेकेदार को नोटिस देकर तलब किया गया है। मॉनीटरिंग कमेटी को इस ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए पाबंद किया गया है। उम्मीद है कि कल शाम तक सफाई व्यवस्था में सुधार हो जाएगा।
सुनीता सरदाना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीगंगानगर।