डीटीओ कार्यालय में प्रति माह लगभग 250 से 300 कार-जीप आदि के रजिस्टे्रशन के लिए दस्तावेज पेश किए जा रहे हैं। वाहन विके्रताओं से रजिस्टे्रशन के बाद वाहनों की फाइलें जिला परिवहन कार्यालय में पहुंचती हैं। इनमें 50 रुपए का स्टाम्प पेपर लगा होता है, जिस पर चार पहिया वाहन मालिक यह लिखकर देते हैं कि उनके पास वाहन की पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान है। जिला मुख्यालय पर 35 हजार वाहन हैं। इनमें से 10 प्रतिशत लोग भी मुश्किल से होंगे, जिनके पास पार्किंग स्पेस हो। नतीजतन लोग घरों के बाहर गलियों में वाहन पार्क कर रहे हैं। रात के समय तो गलियों में दूसरी गाडिय़ों का निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
जिले में हैं 468754 वाहन
जिला परिवहन कार्यालय के रिकॉर्ड के मुताबिक गंगानगर जिले में वर्ष 2017 तक कुल वाहनों की संख्या 468754 थी। इनमें वे वाहन शामिल नहीं है, जिन्हें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के जिलों से खरीद कर श्रीगंगानगर लगाया गया है। वाहनों में 307937 टू व्हीलर और 4916 ऑटो रिक्शा, 1480 टैम्पू, 24480 कार, 17711 जीप, 79470 टै्रक्टर, 3443 ट्रालर, 1119 टैक्सी मैक्स, 4121 बसें, 22392 ट्रक और 671 अन्य वाहन हैं।
जांच के लिए स्टाफ ही नहीं
जिले में हर साल लगभग 4 हजार कार-जीपों का रजिस्टे्रशन होता है। सभी वाहन मालिक 50 रुपए के स्टाम्प पर पार्किंग स्पेस होने का शपथ पत्र देते हैं। इनकी जांच के लिए परिवहन विभाग के पास स्टाफ ही नहीं है। हकीकत में ऐसा कोई नियम ही नहीं बना है, जिसमें वाहन मालिक के खिलाफ जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
दिया गया था नोटिस
शिकायत मिलने पर एक बार मामले की जांच की गई थी। वाहन मालिक के पास पार्किंग स्पेस नहीं पाया गया। उसे नोटिस जारी किया गया, जवाब में संबंधित वाहन मालिक ने दूसरा शपथ पत्र पेश कर दावा किया कि वह वाहन दूसरी जगह खड़ा कर रहा है। इससे समस्या का कोई हल नहीं निकला। गंगानगर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य में पार्किंग स्पेस को लेकर समस्या है।
– जुगलकिशोर माथुर, परिवहन अधिकारी, श्रीगंगानगर