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श्री गंगानगर

पुलिस की तीसरी आंख की जद में नहीं आया पाया पूरा शहर, 50 फीसदी भी प्रोजेक्ट नहीं पूरा

पुलिस को खंगालने पड़ रहे दुकान व मकानों पर लगे कैमरे

श्री गंगानगरJan 23, 2022 / 10:25 pm

Raj Singh

श्रीगंगानगर. शहरी क्षेत्र में वारदात के बाद धरपकड़ करने व चौबीस घंटे शहर की निगरानी के उद्देश्य से जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने की अभय कमांड योजना कई साल में भी पूरी नहीं हो पाई है। इसके चलते पुलिस की यह तीसरी आंख भी वारदात के समय कोई काम नहीं आ पा रही है। वहीं निजी प्रतिष्ठनों के सीसीटीवी कैमरों से पुलिस को मदद तो मिल रही है लेकिन वे भी अधिक कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते टांटिया हॉस्पिटल में हुई ताबड़तोड़ फायरिंग की वारदात भी ट्रेस नहीं हो पा रही है।
केन्द्र सरकार की ओर से अपराधों की रोकथाम, शहरों की चौबीस घंटे निगरानी व वारदात करने वालों की पहचान करने के लिए अभय कमांड योजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य शुरू किया गया। श्रीगंगानगर शहर में इस योजना के तहत शहर में करीब दो-ढाई साल पहले 543 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए स्थान चिह्नित किए गए। इसके लिए शहर में कई जगहों पर पोल लगाए गए और सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू हुआ लेकिन प्रोजेक्ट की धीमी चाल के चलते अभी तक शहर में करीब 206 सीसीटीवी कैमरे ही लग पाए हैं। कैमरों की संख्या नहीं बढऩे के कारण शहर में होने वाली वारदातों को लेकर पूरा फायदा पुलिस को नहीं मिल पा रहा है। वहीं पुलिस को शहर में निजी प्रतिष्ठनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी पड़ती है। जहां कई जगह तो रात के समय सीसीटीवी कैमरे बंद मिलते हैं और कुछ जगह उनकी दिशा सही नहंीं होती है। साथ ही प्रतिष्ठनों पर लगे कैमरे की रेंज व क्षमता कम होती है। इन सामान्य कैमरों में वाहन नंबर आदि दिखाई भी नहीं देते हैं। इससे वारदात करने वालों की पहचान नहीं हो पाती है।
इंफ्रारेड कैमरे होने चाहिए

– ऐसे मामलों की जांच करने वाले जांच अधिकारियों की माने तो सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कई जगह सही नहीं होने से ज्यादा लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं अभय कमांड योजना के सीसीटीवी कैमरे सभी जगह नहीं लगे हुए हैं। इनमें से भी कई बार रात के समय साफ नहीं दिखता है। इसके लिए इंफ्रारेड कैमरे होने चाहिए, जिससे वाहन व व्यक्ति साफ दिखाई दे। इसके चलते पुलिस को उसी परम्परागत जांच व्यवस्था का सहारा लेना पड़ता है। जिसमें मुखबिरी, इलाके में पुलिसकर्मियों की तैनाती और पूछताछ आदि का सहारा लिया जाता है। हुलिये के आधार पर भी बदमाशों की पहचान के प्रयास किए जाते हैं। पुराने आरोपियों से भी पूछताछ की जाती है।
शहर में लगातार हो रही वारदात

– शहर में वाहन चोरी व सरेआम महिला व पुरुषों से पर्स व मोबाइल छीनने की वारदात होती रहती है। आएदिन दुपहिया वाहन चोरी हो रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि प्रोजेक्ट में प्रस्तावित सभी सीसीटीवी कैमरे लगे होते तो इससे पुलिस को काफी मदद मिल सकती थी। जो लगे है, उनसे भी पुलिस को मदद मिल रही है।
थानों में भी नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे

– पुलिस मुख्यालय की ओर से पिछले दिनों सभी थानों में मुख्य द्वार व अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन अभी तक किसी भी थाने में सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रोसेस चल रहा है। जल्द ही थानों में कैमरे लगाए जाएंगे।
हॉस्पिटल फायरिंग में कैमरों से नहीं मिली मदद

– इस मामले की जांच में जुटे पुलिसकर्मियों की माने तो यहां आसपास लगे अभय कमांड व लोगों के प्रतिष्ठानों पर लगे निजी सीसीटीवी कैमरों से हॉस्पिटल में हुई फायरिंग की वारदात को ट्रेस आउट करने के लिए कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई है। कैमरों की क्वालिटी अच्छी नहीं होने के कारण कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।
इनका कहना है

– इस समय पुलिस को अच्छी तकनीक के कैमरों की कमी खल रही है। अभय कमांड प्रोजेक्ट पूरा कराने के लिए पुलिस मुख्यालय से पत्र व्यवहार कर रहा है। कोरोना के कारण भी दो बार प्रोजेक्टर डिस्टर्ब हो चुका है। अब इसको जल्द ही पूरा कराया जाएगा। वहीं थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रोसेस चल रहा है।
अरविंद कुमार बैरड, सीओ सिटी श्रीगंगानगर

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