इंजेक्शन लगाने के लिए दो सौ रुपए मांगने पड़े महंगे, अब दो साल की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना
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इंजेक्शन लगाने के लिए दो सौ रुपए मांगने पड़े महंगे, अब दो साल की सजा और दस हजार रुपए जुर्माना
्रश्रीगंगानगर।
करीब नौ साल पहले हनुमानगढ़ के सरकारी अस्पताल में सस्ती दवाईयां और इंजेक्शन लगवाने के एवज में महज दो सौ रुपए की रिश्वत लेने के जुर्म में अदालत ने आरोपी मेल नर्स को दो साल कारावास और दस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। यह निर्णय बुधवार को यहां विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण प्रकरण) रवीन्द्र कुमार ने सुनाया। अपर लोक अभियोजक सोफिया चौधरी ने बताया कि परिवादी हनुमानगढ़ जिले के गांव शेरेकां चक 3 एसएसडब्ल्यू निवासी हनुमानाराम पुत्र मोधूराम वाल्मीकि ने 2 अगस्त 2010 को शिकायत की थी। इसमें बताया कि उसके बेटे बुधराम को 31 जुलाई 2010 को चोट लगने के कारण बुधराम को हनुमानगढ़ के राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। वहां कार्यरत कंपाउडर विकास ने सस्ती दवाईयां दिलवाने और इंजेक्शन लगवाने के लिए खर्चा पानी लेने के लिए उससे साढ़े चार सौ रुपए मांगे। तब उसी समय उसने दो सौ रुपए दिए, इसमें से एक सौ रुपए खुद के और एक सौ रूपए दूसरे कंपाउडर को दिलवा दिए। दूसरे दिन और दो सौ रुपए की मांग करने लगा। इस कंपाउडर को रिश्वत मांगने की शिकायत मिलते ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हनुमानगढ़ के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक आंनद स्वामी ने फोन की रिकॉर्डिग कराते हुए शिकायत का सत्यापन कराया। ेअगले रोज 3 अगस्त 2010 को हनुमानगढ ब्यूरो टीम ने हनुमानगढ़ टाऊन स्थित महात्मा गांधी मैमौरियल राजकीय जिला चिकित्सालय में दबिश कर आरेापी मेल नर्स विकास अरोड़ा पुत्र बूटाराम अरोड़ा को काबू कर रिश्वत की राशि दो सौ रुपए बरामद कर लिए। यह आरेापी मूल रूप से वार्ड 9 संगरिया को रहने वाला था। ।भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम इस आरोपी के खिलाफ अदालत में 24 जून 2011 को चालान पेश किया।
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एसीबी टीम ने जब परिवादी हनुमानाराम की मेल नर्स विकास अरोड़ा के बीच फोन पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिग की थी, इसमें मेल नर्स विकास यह बोलने लगा कि ‘चल यार तू गरीब है, दे दे सो देना है’। जब एसीबी ने उसे पकड़ा तो रिश्वत मांगने से इंकार कर दिया। मेल नर्स ने रिश्वत मांगने के आरोप को निराधार बताया। लेकिन ब्यूरो टीम ने उसे गिरफतार कर अगले रोज 4 अगस्त 2010 को बीकानेर स्थित एसीबी कोर्ट में पेश किया। श्रीगंगानर में एसीबी कोर्ट खुलने पर यह मामला यहां अंतरित कर दिया गया था। बुधवार को सजा होने के उपरांत हाईकोर्ट में अपील करने के लिए एक महीने मोहलत देते हुए कोर्ट ने उसे जमानत पर छोड़ दिया।
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