जनरल वार्ड में हो रहा बच्चों का उपचार
श्रीगंगानगर. जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। मेडिकल सुविधाएं बढऩे से जिले का हर नागरिक खुश है परन्तु जिला अस्पताल में आकर रोगी अब भी सुकून महसूस नहीं कर रहे। हालात यह है कि बच्चा वार्ड के लगभग सभी बैड खाली होने के बावजूद उन्हें डेंगू रोगियों के लिए बनाए गए महिला या पुरुष वार्ड में शिफ्ट कर उपचार किया जा रहा है।
जनरल वार्ड में हो रहा बच्चों का उपचार
-पीएमओ बोले एक ही जगह उपचार में रहती है आसानी
-बच्चा वार्ड में सिर्फ तीन बच्चे भर्ती, इनमें डेंगू पीडि़त कोई नहीं
योगेश तिवाड़ी. श्रीगंगानगर. जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है। मेडिकल सुविधाएं बढऩे से जिले का हर नागरिक खुश है परन्तु जिला अस्पताल में आकर रोगी अब भी सुकून महसूस नहीं कर रहे। हालात यह है कि बच्चा वार्ड के लगभग सभी बैड खाली होने के बावजूद उन्हें डेंगू रोगियों के लिए बनाए गए महिला या पुरुष वार्ड में शिफ्ट कर उपचार किया जा रहा है।
जिला अस्पताल में महिला व पुरुष डेंगू रोगियों के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए हुए हैं। इनमें उन बुखार पीडि़तों को भर्ती किया जाता है जिनमें डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं। डेंगू रोगी में प्लेटलेट्स जल्दी गिर जाती है जिससे उनकी विशेष देखभाल की जरूरत रहती है। प्लेटलेट्स ज्यादा गिरने पर रोगी को रेफर करने या बाहर से प्लेटलेट्स मंगवाकर चढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि जिला अस्पताल में ब्लड से प्लेटलेट्स अलग करने की सुविधा नहीं है।
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दोनों वार्डों में 41 रोगी भर्ती, इनमें चार बच्चे
महिला व पुरुष रोगियों के लिए बनाए गए डेंगू वार्डों में गुरुवार को 41 रोगी भर्ती थे। इसमें महिला वार्ड में 16 महिलाएं व 3 बच्चे और पुरुष वार्ड में 21 पुरुष व एक बच्चा भी उपचाराधीन था।
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इस साल 114 डेंगू रोगियों का उपचार
जिला अस्पताल में जनवरी से अब तक 114 डेंगू रोगियों का उपचार हो चुका है। गुरुवार को भी डेंगू वार्डों में कुल 41 रोगी भर्ती थे जिनमें 16 ऐसे रोगी थे जिन्हें एलाइजा टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। जिले में अब तक 183 डेंगू रोगी मिल चुके हैं।
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एक बजे युवक भर्ती शाम तक जांच नहीं
डेंगू वार्ड में 56 एलएनपी (पदमपुर) निवासी कृष्णलाल (20)गुरुवार दोपहर एक बजे भर्ती हुआ। भर्ती करने के बाद उसके रक्त का नमूना लिया गया परन्तु रात नौ बजे किसी भी चिकित्सक ने रोगी को चैक नहीं किया। रोगी के चाचा रामकुमार ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर बाहर की लैबोरट्री से रक्त जांच करवाई जिसमें प्लेटलेट्स 39 हजार पाई गई।
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तीन दिन से रिपोर्ट नहीं मिली
मेरे जुड़वा बच्चों को 8 नवम्बर को बच्चा वार्ड में भर्ती करवाया गया था। कर्मचारी ने ब्लड के लिए सैंपल लिया था लेकिन रिपोर्ट तीन दिन से नहीं मिली है। बच्ची की हालत ज्यादा खराब है।
-मुश्ताक अली, गांव 19 जीडी, घड़साना
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रिपोर्ट आते ही महिला वार्ड में शिफ्ट कर दिया
मेरे दोहिते अंशु (11) का बच्चा वार्ड में इलाज चल रहा था परन्तु बुधवार को ब्लड रिपोर्ट आते ही उसे महिला वार्ड में शिफ्ट कर दिया। यहां बहुत गंदगी है। बैड के पास ही डस्टबिन रखी है।
-मायादेवी, रोगी बच्चे की नानी,हाउसिंग बोर्ड, श्रीगंगानगर
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छाती है दर्द है कोई सुधार नहीं
वह पांच दिन से डेंगू वार्ड में भर्ती है। उसे बुखार तो अब नहीं है परन्तु छाती में दर्द है और खांसी आ रही है। चिकित्सक कभी-कभार आते हैं।
-रेखा पत्नी गौरव कुमार, वार्ड 23, पदमपुर
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सरकार की गाइड लाइन के अनुसार उपचार
हम सरकार की गाइड लाइन के अनुसार एक श्रेणी (डेंगू रोगियों) के रोगियों का एक ही जगह उपचार कर रहे हैं। इससे सैंपल लेने व रिपोर्ट आदि में भी सुविधा रहती है।
-बलदेव सिंह चौहान,पीएमओ, जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर
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