नशे की दवा के दो तस्करो को आठ से दस साल की सजा
Two drug smugglers sentenced to eight to ten years’ imprisonment- पांच साल पहले पुरानी आबादी पुलिस ने की थी कार्रवाई
नशे की दवा के दो तस्करो को आठ से दस साल की सजा
#drug smugglers नशीली दवाइयाें की तस्करी के जुर्म में अदालत ने विक्रेता को दस साल कठोर कारावास व दो लाख रुपए जुर्माना और खरीददार को आठ साल कठोर कारावास व एक लाख साठ हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया हैं। यह निर्णय एनडीपीएस प्रकरणों की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया। विशिष्ट लोक अभियोजक अजय बलाना ने बताया कि 23 अप्रेल 2019 को पुरानी आबादी की तत्कालीन एसएचओ अलका ने गश्त के दौरान श्यामनगर की कोढि़यों वाली पुली पर पहुंची तो वहां दो शख्स पुलिस दल को देखकर भागने लगे। किसी तरह पीछा कर इन दोनों को काबू किया और तलाशी ली। एक शख्स की पहचान भरतनगर वार्ड दो गली नम्बर एक निवासी 42 वर्षीय बाबर उर्फ बब्बर पुत्र शिवप्रकाश भाट और दूसरे की पहचान पुरानी आबादी हाउसिंग बोर्ड वार्ड सात निवासी 46 वर्षीय महेन्द्र उर्फ टोनी अरोड़ा पुत्र मुंकदलाल अरोड़ा के रूप में हुई। आरोपी बाबर उर्फ बब्बर के कब्जे से प्लास्टिक की थैली में 61 पत्ते ट्रामाडॉल की टेबलेट, 26 पत्ते एल्प्राजॉम टेबलेट, 36 पत्ते ट्रॉमाडॉल, 25 पत्ते ट्रामाडॉल और 26 पत्ते एल्प्रोजॉम टेबलेट के अलावा 2020 रुपए बिक्री राशि बरामद कर गिरफ़तार किया। वहीं दूसरे आरोपी महेन्द्र उर्फ टोनी ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसने कुछ देर पहले आरोपी बाबर उर्फ बब्बर से पन्द्रह सौ रुपए में ट्रॉमाडोल के एक सौ कैप्सूल खरीद किए, इन कैप्सूल को पुलिस ने बरामद कर उसे भी गिरफ्तार किया। पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया।
अदालत ने आरोपी बाबर उर्फ बब्बर भाट को दोषी मानते हुए एनडीपीएस एक्ट की धारा 8-22 और धारा 8-29 को दस-दस साल कठोर कारावास व एक-एक लाख कुल दो लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना राशि नहीं देने पर ढाई साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसी प्रकार आरोपी महेन्द्र उर्फ टोनी को दोषी मानते हुए एनडीपीएस एक्ट की धारा 8-22 और धारा 8-29 में आठ-आठ साल कठोर कारावास व 80-80 हजार रुपए कुल एक लाख साठ हजार रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया। जुर्माना नहीं चुकाने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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