
birmana sarpanch fruad case
बीरमाना. ग्राम पंचायत बीरमाना की सरपंच सन्तोष जालप और सचिव बलविन्द्र सिंह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय पट्टा वितरण अभियान-२०१७ की आड़ में एेसा खेल खेला कि गांव के गौण मंडी यार्ड के लिए आरक्षित जमीन को निरस्त करवाकर उस पर पट्टे काट दिए। गौण मंडी के लिए आरक्षित खाली जगह पर तीस-तीस साल पुराने कब्जे बताकर नियमन कर दिया गया।
कागजों में कब्जे दर्शाए, मौके पर झाड़-झंखाड़: आरोप है कि जिस जगह लोगों का काबिज होना बताया गया वहां आज भी मौके पर झाड़-झंखाड़ उगे हुए हैं। ग्राम पंचायतों के पंचों ने जिन प्रस्तावों पर सहमति नहीं दर्शाई उन्हें भी रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया। इस पर पंचों ने इसकी शिकायत बीडीओ से लेकर जिला कलक्टर तक को कर दी।
चहेतों को रेवड़ी, जरूरतमंद भटक रहे
सरपंच ने चहेते परिवारों को एक से अधिक भूखंडों के पट्टे जारी कर दिए। जबकि वास्तविक जरूरतमंद परिवार आज भी भटक रहे हैं। वार्ड पंचों ने ग्राम पंचायत की इस कारस्तानी की पोल खोली तो ग्रामीण हतप्रभ रह गए। जिस जगह को गौण मंडी की समझा जा रहा था उसके भूखंडों की नीलामी किए बगैर ही चहेतों को बंदरबांट कर दी गई। इसकी एवज में ग्रामीणों से वसूली गई राशि सरपंच और सचिव
डकार गए।
मैंने उठाया था मुद्दा
मैंने पट्टों की अनियमिता सम्बन्धी मुद्दा साधारण सभा की बैठक में उठाया था। गांव की आबादी की खाली भूमि को नियम ताक पर रखकर बन्दर बांट की गई है। कृष्ण कुमार स्वामी , पंचायत समिति सदस्य, सूरतगढ़ पंचायत समिति
आरोप निराधार
लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है। सभी काम नियमानुसार किए हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रखने वाले लोग झूठी शिकायतें कर रहे हैं। संतोष जालप, सरंपच, ग्राम पंचायत बीरमाना।
Published on:
31 Jan 2018 02:28 pm
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