प्रशांसन की इस मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां एक तरफ बडी संख्या में पशु शहर के विभिन्न हिस्सों में घुस गए वहीं कुछ पशु उपखण्ड कार्यालय कर पास विचरण करते रह गए। इनमें से कुछ पशुओं को बुधवार रात को श्वानों ने नोच खाया। आवारा पशुओं की टक्कर से एक मोटरसाइकिल सवार भी घायल हो गया गामीनत रही मोटरसाइकिल सवार की जान बच गई। शवों को खुर्द बुर्द करने का आरोप उपखंड अधिकारी के कार्यालय के सामने ही कुत्तों ने लगभग एक दर्जन गौ वंशो को नोच-नोच कर मार डाला।
इसकी सूचना गौभक्तों को मिली तो बजरंग दल तथा विश्व हिंदू परिषद के कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए इससे पूर्व नगरपालिका के कर्मचारी इन शवों को उठा रहे थे। गौभक्तों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने गोवंशों के शवों को खुर्द-बुर्द करने के लिए नगर पालिका के कर्मचारियों को निर्देशित किया है। गौ भक्तों ने प्रशासन को गोवंशों के शवों को उठाने नहीं दिया। सूचना पर उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा तथा स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंचे। उपखण्ड अधिकारी मीणा को लोगों के रोष का सामना करना पड़ा।
प्रशांसन ने गौ भक्तों को आश्वासन दिया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी जिस पर गौ भक्त ने प्रशांसन को मौके से शवों को हटाने दिया।लोगों ने प्रशांसन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब किसान लगातार पशुओं को उपखण्ड कार्यलाय में छोड़ने की चेतावनी दे रहे थे तो प्रशांसन समय रहते क्यों नही चेता क्यों किसानों को शहर में प्रवेश करने दिया। गौ भक्तों ने प्रशासन से मांग की है कि जो भी गौ वंशो के मौत के जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
शहर की स्थिति भयावह जहां एक तरफ शहरों को कैटल फ्री सिटी बनाने के प्रयास चल रहे है वहीं स्थानीय प्रशासन ने अनूपगढ को कैटल फूल सिटी बनने के लिए पशुओं को शहर में खुला छोड़ दिया। शहर में जहां नजर घुमाओ आवारा पशुओं के झुंड घूम रहे है। लोग आवारा पशुओं को देखकर दूर से निकलने का प्रयास कर रहे है जानकारी के अनुसार कल बुधवार को नगरपालिका तथा पुलिस थाना ने आवारा पशुओं के शहर मेम घुसने की जानकारी देने के लिए तथा संभल कर चंलने के लिए मुनियादि करवाई थी।
जिसके चलते आज स्कूलों में उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या पर भी असर देखने को मिला। अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित है। हालांकि किसानों ने बताया कि बहुत से पशु वापिस गांवों में चले गए है। किसान देर रात तक पशुओं को खेतों में नही घुसने दे रहे थे। दोपहर को हुई वार्ता उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों ने प्रशांसन से इसका स्थाई हल निकालने की मांग उठाई।
लोगों ने क्षेत्रीय गौसेवा संघ की कार्यकांरिणी भंग कर नई कार्यकांरिणी बनाकर व्यवस्थानुसार पशु रखने की मांग उठाई।लोगों ने उपखण्ड अधिकारी को बताया कि यह गौशाला 8 बीघा भूमि में फिली हुई है इसके जगह के अनुरूप पशु बहुत ही कम है। उपखण्ड अधिकारी ने 5 दिन में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।