हालांकि विकास अधिकारी ग्राम पंचायत का पूरा रिकॉर्ड सोमवार को भी जब्त नहीं कर पाई। पंचायत समिति की ओर से बार-बार ताकीद करने के बावजूद सरपंच ने रिकार्ड नहीं सौंपा। विकास अधिकारी रोमा सहारण ने बताया कि रिकॉर्ड जमा नहीं करवाने पर सरपंच और सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
ग्राम पंचायत पंच जिला कलक्टर से मिले उधर, सोमवार को ग्राम पंचायत के वार्ड पंच और ग्रामीण जिला कलक्टर ज्ञानाराम व मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्राम मीणा से मिले। दोनों अधिकारियों ने ही मामले की उच्च स्तर पर जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने विकास अधिकारी को सात दिन के भीतर प्रकरण निस्तारित करने के आदेश दिए हैं। जिला कलक्टर से मिलने वालों में वार्ड पंच भागीरथ, राधादेवी, साजनराम, लालचंद, मुकनाराम, भंवराराम, ऊषादेवी, विद्यादेवी, राधादेवी, सोहनलाल, पंचायत समिति सदस्य सुभाषचंद्र, पूर्व सरपंच
कृष्ण कुमार स्वामी, पूर्व सरपंच ओमप्रकाश गेदर आदि शामिल थे।
सिर्फ चहेतों को वितरित किए पट्टे
आरोप है कि ग्राम पंचायत ने दो हजार से अधिक पट्टों का वितरण कागजों में दिखाकर वाहवाही लूट ली जबकि यह वास्तविक आंकड़ा केवल पांच सौ के आसपास है। जिन पट्टों वितरण किया गया है वे भी केवल सरपंच के चहेतों को ही वितरित किए गए हैं। वार्ड पंचों और ग्रामीणों का आरोप है कि पट्टों की एवज में वसूली गई राशि भी पंचायत के खाते में जमा नहीं करवाई गई।