एक कक्ष में केन्द्र और नाम प्री स्कूल खल रही पार्किंग की कमी शहर में पार्किग की कोई सुचारु व्यवस्था नही होने के कारण लोग-बाग मुख्य बाजारों में अपने-अपने दुपहिया वाहन,
टैक्टर ट्रालियां, कार एवं जीप आदि सडक़ के बीच में ही खड़े करने को मजबूर हो जाते हैं। भारी संख्या में वाहन घंटों सडक़ के बीच खड़े रहने के कारण जिससे जाम की स्थिति बन जाती हैं। जिससे पार्र्किंग की कमी साफ झलकती है। एेसे में कई बार लोगों को यातायात बिगाडने के लिए पुलिस द्वारा चालान का भी सामना करना पड जाता है।
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कश्मीर जाने वाले रुक जाओ अब श्रीगंगानगर में भी मिलेगा वो ही नजारा सवाल का विषय है कि पार्र्किंग की कमी का खामियाजा आम-जन को क्यों भुगतना पड़ता है। हालांकि ऐसी स्थिति के कारण मुख्य बाजार से पैदल गुजरना भी दुर्भर हो जाता है। यातायात पुलिस की खलती कमी शहर में यातायात पुलिस की व्यवस्था नहीं है। पिछले करीब 5-7 वर्षों में बाजार की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को देखते हुए
यातायात पुलिस की जरूरत महसूस होने लगी है। हालांकि स्थानीय पुलिस द्वारा यातायात व्यवस्था में सुधार की कोशिश की गई, रोजाना २ पुलिसकर्मी यातायात पुलिस की कमी को पूरा करने का प्रयास करते है।
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रईयावाली में दूषित पेयजल आपूर्ति लेकिन स्थानीय पुलिस थाना में पुलिस का स्टॉफ कम होने के कारण स्थाई रूप से व्यवस्था को चलाना सभव नहीं हो पाता है। अनूपगढ़ में यातायात पुलिस का एक भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं है। इस मामले में विडबना का विषय यह है कि आसपास की मंडियों में यातायात
पुलिस का स्टॉफ उपलब्ध है, लेकिन अनूपगढ़ में नहीं है, जबकि अन्य मंडियों की तुलना में यातायात व्यवस्था की आवश्यकता अनूपगढ़ में अधिक है, क्योंकि अनूपगढ़ की आबादी पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है और उसी के अनुपात में वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है।
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आधा दर्जन जिंदा बम मिलने से फैली सनसनी आमजन ही करता सडक़ों को संकरीयातायात व्यवस्था की स्थिति को बिगाडऩे में आमजन को भी दोषी माना जा सकता है। प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा बार-बार लोगों को समझाने और जागरूक करने के लिए यातायात नियमों की जानकारी देकर नियमों की पालना करने का आग्रह किया जाता है। पुलिस थाना में होने वाली
सी.एल.जी. की बैठकों में भी पुलिस के अधिकारियों द्वारा जन सहयोग के साथ व्यवस्था बनाने के लिए कहा जाता है, लेकिन कहीं पर भी सी.एल.जी. बैठकों का असर नजर नहीं आता है।
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जॉनी लीवर की शक्ल, पीएम मोदी की मिमिक्री ने खींचा ध्यान ऐसी स्थिति में मुख्य बाजार में अक्सर लगने वाले जाम के लिए आमजन को ही जिम्मेदार कहा जा सकता है। मुख्य बाजार में सडक़ों की सिथति पहले से ही तंग एवं संकरी है, ऐसे में दुकानों के बाहर खड़े रहने वाले दुपहियां तथा अन्य वाहन स्थिति को पूरी तरह से बिगाड़ देते हैं। दुपहियां वाहनों के कारण सडक़ दोनों तरफ से 1
0 फीट तक की सडक़ रूक जाती है और आवागमन के लिए मात्र 15 फुट का रास्ता ही मुख्य सडक़ पर रह जाता है, जिससे भारी वाहनों के गुजरते समय अक्सर जाम लग जाता है।