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श्री गंगानगर

प्रधानाध्यापक व एक शिक्षक को हटाने पर माने ग्रामीण

गांव मौड़ां के सरकारी स्कूल का मामला, सहमति होने पर ग्रामीणों ने उठाया धरना

श्री गंगानगरJul 06, 2018 / 10:38 pm

vikas meel

demonstration

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श्रीकरणपुर.

प्रधानाध्यापक व एक शिक्षक को स्कूल से हटाकर बीईईओ कार्यालय में लगाने पर गाव 46 एफ मौड़ां के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल के बाहर चल रहा धरना आखिर शुक्रवार शाम को उठा लिया गया। गौरतलब है कि 30 जून को हुए घटनाक्रम को लेकर ग्रामीण प्रधानाध्यापक सहित अन्य शिक्षकों के तबादले की मांग पर अड़े थे। विवाद के चलते स्कूल में अध्ययनरत सभी 88 बच्चे पिछले सात दिन से स्कूल में नहीं आ रहे हैं। और वहां शिक्षण कार्य ठप था।

 

स्कूल का होगा नियमित निरीक्षण…
जानकारी अनुसार तहसीलदार अमरसिंह भनखड़, बीईईओ हरबंससिंह संधू, एबीईईओ हरपाल सिंह, सीआई विजय मीणा शाम करीब साढ़े पांच बजे धरनास्थल पर पहुंचे। और ग्रामीणों से वार्ता की। इसमें उन्होंने प्रधानपाध्यापक सुखदेव सिंह व शिक्षक सुखमंदर सिंह को वहां से हटाकर बीईईओ कार्यालय में लगाने की जानकारी दी। वहीं ग्रामीणों ने कमेटी बनाकर स्कूल का नियमित निरीक्षण करने की बात कही। दोनों पक्षों की ओर से सहमति बनने पर आखिर ग्रामीणों ने धरना उठाने का निर्णय लिया। मौके पर कामरेड महेन्द्र राम, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के तहसील अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह कामरेड मनी राम, कामरेड रणजीत सिंह, इंद्रजीत सिंह, जंटा सिंह, वीर सिंह, प्यारा सिंह, दर्शन सिंह, नरेन्द्र पाल, रानी कौर, सुखदेव कौर, लवप्रीत कौर, राजविंद्र कौर, जसविंद्र कौर, मनप्रीत कौर सहित काफी लोग मौजूद थे।

 

सात दिन से चल रहा था यह विवाद…
गौरतलब है कि गांव मौड़ां के सरकारी स्कूल में कथित रूप से वहां अध्ययनरत छह वर्षीय बालिका से अश्लील हरकत हुई। प्रकरण में स्कूल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर से रोषित ग्रामीणों ने 30 जून को स्कूल के ताला जड़ दिया था। तहसीलदार को ज्ञापन सौपकर प्रधानाध्यापक पर शराब पीकर स्कूल आने व शिक्षिकाओं पर मोबाइल में व्यस्त रहने का आरोप लगाया था। वहीं, प्रधानाध्यापक ने ग्रामीणों पर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया। इस दौरान प्रकरण से रोषित ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक व स्कूल स्टाफ पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने व डार्क जोन में तबादला करने की मांग रख दी। वहीं मांग पूरी होने तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजने का निर्णय लिया और दो दिन से स्कूल के बाहर धरना व क्रमिक अनशन शुरू कर रखा था।

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