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-खेलना छोड़,रात एक बजे तक की पढ़ाई कालूराम की मां विमला देवी ने बताया कि उनका बेटा दसवीं कक्षा में बिना ट्यूशन पढ़े 70 प्रतिशत अंक लेकर आया। अपने साथियों के साथ खेलना-कूदना बंद कर दिया था। रात को 1 बजे तक पढ़ाई करता और दिन में स्कूल व बचे समय में दिहाड़ी। ना कभी अच्छे कपड़े पहन कर देखे ना कभी फटे कपड़ों की परवाह की। बस साहस के साथ खुद को कमजोर नहीं होने दिया।
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-खेलना छोड़,रात एक बजे तक की पढ़ाई कालूराम की मां विमला देवी ने बताया कि उनका बेटा दसवीं कक्षा में बिना ट्यूशन पढ़े 70 प्रतिशत अंक लेकर आया। अपने साथियों के साथ खेलना-कूदना बंद कर दिया था। रात को 1 बजे तक पढ़ाई करता और दिन में स्कूल व बचे समय में दिहाड़ी। ना कभी अच्छे कपड़े पहन कर देखे ना कभी फटे कपड़ों की परवाह की। बस साहस के साथ खुद को कमजोर नहीं होने दिया।
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-उड़ान टीम को दिया सफलता का श्रेय
12 वीं के बाद कालूराम ने डीएवी कॉलेज से स्नातक की। फिर स्नात्कोत्तर के लिए राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू ,डॉ.अरुण सहरिया,पटेल राम सुथार,शुभम गुप्ता और पूरी उड़ान टीम के मार्गदर्शन में लगातार तैयारी कर बीएसएफ में अधिकारी बनने का मुकाम हासिल किया। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि यदि व्यक्ति में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो आर्थिक समस्याएं आड़े नहीं आती।
12 वीं के बाद कालूराम ने डीएवी कॉलेज से स्नातक की। फिर स्नात्कोत्तर के लिए राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया। यहां असिस्टेंट प्रोफेसर चंद्रपाल जांदू ,डॉ.अरुण सहरिया,पटेल राम सुथार,शुभम गुप्ता और पूरी उड़ान टीम के मार्गदर्शन में लगातार तैयारी कर बीएसएफ में अधिकारी बनने का मुकाम हासिल किया। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि यदि व्यक्ति में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो आर्थिक समस्याएं आड़े नहीं आती।