चांडक बोले कि कर्मचारियों को वेतन के नाम पर हर महीने ढाई करोड़ रुपए का बजट जनता के पसीने से दिया जा रहा है लेकिन रिजल्ट शहर में जाकर देख लो। यदि काम नहीं करना है तो इस नगर परिषद पर ताला लगा दो ताकि जनता को यह पता लग जाएगा कि नगर परिषद के अंदर अधिक गंदगी है।
चांडक ने यहां तक बोल दिया कि प्राइवेट में यह संस्था हो तो ढाई करोड़ रुपए के निवेश से दस करोड़ रुपए कमाए जा सकते है।
इस दौरान सभापति को यह भी आंकड़ा नहीं मिला कि शहर में सार्वजनिक शौचालय कितने संचालित हो रहे हैं।
शहर मे सफाई कार्यो में लगे 640 सफाई कर्मिकों की हाजिरी के बारे में जानकारी मांगी तो स्वास्थ्य अधिकारी रमनदीप कौर ने बार बार संख्या का ही गुणगान किया, हााजिरी रजिस्टर मांगा तो उसने वेतन संबंधित शीट लगाकर दिखाई।
इस पर चांडक ने हाजिरी रजिस्टर का फिर से सवाल किया तो उनको सफाई निरीक्षकों की ओर से दिए जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर वेतन बिल बनाने की बात बताई लेकिन सभापति संतुष्ट नहीं हुई।
उनका कहना था कि सफाई निरीक्षक कई कार्मिकों की फर्जी हाजिरी लगाकर वेतन उठाने में सहयोग कर रहे है, उनके खिलाफ जांच की जाएगी। इस संबंध में उन्होंने अपने निजी सहायकों से एक एक कार्मिक की हाजिरी क्रॉस चैकिंग करने के निर्देश दिए।
कार्यालय अधीक्षक लीलाधर से मूवमेंट रजिस्टर मंगवाया गया, इस रजिस्टर में किसी कार्मिक ने कॉलेज में बच्चे की फीस जमा कराने, किसी ने रस्म पगड़ी में शामिल होने तो किसी ने राजकीय जिला चिकित्सालय में उपचार कराने की एंट्री दर्ज की हुई थी, ऐसी एंट्रियों को पढकऱ सभापति ने अपना माथा पकड़ लिया।
उनका कहना था कि सरकार ने मूवमेंट रजिस्टर इसलिए रखवाया है ताकि शहरहित में कार्मिक फील्ड में जाएं तो उसके बारे में सही मॉनीटरिंग हो सके लेकिन यहां तो व्यक्तिगत कामों को अधिक तवज्जों दी जा रही है।
सभापति ने सवाल किया कि उनके शपथ ग्रहण करने के दौरान घोषणा की थी कि परिषद परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, इस पर किए गए टैण्डर होने के बावजूद काम क्यों अटका है।
इस पर स्टोर इंचार्ज निशेष ने बोला कि यह तकनीकी कारणों से ठेका नहीं हो पाया। जब फाइल मंगवाकर देखा तो एक ही ठेका फर्म ने तीन आवेदन दिए हुए थे, जबकि नियमानुसार अलग अलग तीन फर्मे होने चाहिए थी। ऐसे में आयुक्त ने इस ठेके की प्रक्रिया रोक दी थी। सभापति ने इस फाइल को दुरुस्त कर दुबारा टैण्डर करने के आदेश किए।
इस बैठक के दौरान चांडक ने अफसरों और कार्मिकों की आईडी दिखाने की बात पूछी तो अलग अलग जवाब मिला। स्वास्थ्य अधिकारी बोली अब तक बनी नहीं, अब बनवाएंगे।
राजस्व अधिकारी मिलखराज चुघ ने अपनी जेब से आईडी दिखाई। वहीं अधिकांश कार्मिक बोले कि आईडी बनवाने के लिए फोटो और दस्तावेज दिए जा चुके है। यह सुनकर चांडक अधिक तैश में आ गए और बोले कि जब परिषद परिसर में कार्मिकों की ये हालात है तो फील्ड में कार्मिकों की स्थिति कैसे होगी।
निर्माण शाखा और विद्युत शाखा के प्रभारियों से गुणवत्ता से समझौता नहीं करने की बात कही। सभापति का कहना था कि अब किसी जेईएन या एईएन की सिफारिश नहीं सुनी जाएगी।
मौके पर यदि निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जाएगी तो संबंधित ठेका फर्म के साथ साथ जेईएन को दोषी माना जाएगा, उसके खिलाफ न केवल कार्रवाई होगी बल्कि निर्माण कार्य की रिकवरी भी होगी। विद्युत शाखा से रोड लाइट के दौरान होने वाली खराब के बारे में सवाल किए गए।