लगभग 130 साल पहले बनाई गई यह ऐतिहासिक झील, शुरुआत में 1894 में पूर्व मैसूरु राज्य द्वारा बेंगलूरु की पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई थी। मैसूरु राज्य के तत्कालीन दीवान सर के. के. शेषाद्री अय्यर और तत्कालीन मुख्य अभियंता एम. सी. हचिन्स ने रामराजेंद्र जल परियोजना के तहत इस झील का निर्माण किया था। 1100 एकड़ में फैली यह झील अर्कावती नदी बेसिन में बनाई गई थी। अब यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और शहर में पानी की मौजूदा कमी की स्थिति के बीच यह झील जल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण क्षमता रखती है।
बीडब्ल्यूएसएसबी के अध्यक्ष रामप्रसाथ मनोहर वी. ने Hesarghatta lake के निरीक्षण के बाद बताया कि इसमें वर्तमान में 0.3 टीएमसीएफटी पानी है और आसपास के क्षेत्र में भूजल स्तर बरकरार है। झील से 10 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) पानी पंप किया जा सकता है। पहले से मौजूद बीडब्ल्यूएसएसबी पंपिंग स्टेशन आसपास के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की सुविधा प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि गर्मी के चरम महीनों के दौरान भी Bengaluru में निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड प्रतिबद्ध है। अन्य क्षेत्रों में टैंकर पानी की आपूर्ति करेंगे।
‘गर्वित बेंगलूरुवासी’
मनोहर ने बताया कि बीडब्ल्यूएसएसबी ने शहर के निवासियों से उचित वर्षा जल संचयन विधियों का अभ्यास करने का भी आग्रह किया है। बोर्ड नागरिकों को जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने के एक तरीके के रूप में वर्षा जल संचयन करने वालों को ‘गर्वित बेंगलूरुवासी’ नाम देगा।
मनोहर ने कहा, ‘हमने झीलों को पुनर्जीवित करने के लिए पहले ही कदम उठाए हैं। हम उनमें से कुछ को उपचारित पानी से भर रहे हैं। उपाय निश्चित रूप से परिणाम देंगे।’