कमली को झांसा देकर मुंबई ले जाना चाहता है विनोद कमली को झाँसा देकर विनोद मुंबई ले जाना चाहता है। सब लोग खंडहर में एक साथ हैं, तभी किसी बात को लेकर आपस में कहासुनी हो जाती है और लोग एक दूसरे को कड़वी बात बोलने लगते है। कुछ लोग मरे हुए व्यक्ति को भी उल्टा सीधा बोलते हैं। अध्यापिका इसका विरोध करती है। झगड़ा बढ़ता देख खंडहर में पंचायत बैठती है। पंचायत में सब लोग एक दूसरे के बारे सच्चाई बोलते हैं। इससे लोगों के चेहरों से नकाब हटने लगता है और सभी की असलियत सामने आ जाती है। नाटक में रोहित राय (परमानन्द), अविनाश तिवारी (पंडित), अविनाश तोमर (सुखलाल), निशांत ठाकुर (गेंदा सिंह), आशुतोष (रमाकांत), राधा भाटी (अध्यापिका), निखिल तिवारी (युवक) और आस्था चावला (कमली) ने अपनी भूमिकाओंको बखूभी निभाया। नाटक में लाइट की जिम्मेदारी रितेश ने, संगीत की नीलमणि, मेकअप की स्नेहा ने जिम्मेदारी संभाली। बैक स्टेज पर विशाल मौजूद रहे। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, उषा गुप्ता, सुभाष मेहरा, डा. एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीता शर्मा मौजूद रहे।