ट्रेन से नहीं दिया साथ, रोडवेज ने भी खींचे हाथ
मारवाड़ से मेवाड़ को जोडऩे वाले मार्ग पर साधनों की कमी है। भीलवाड़ा से जोधपुर-पाली के लिए न केवल रोडवेज बल्कि रेलगाडिय़ां भी कम है। पाली मार्ग पर भीलवाड़ा आगार की रोडवेज बसें लंबे अर्से से बंद है। भीलवाड़ा से जोधपुर के बीच इकलौती गाड़ी इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस है। ऐसे में प्रतिदिन सैकड़ों यात्री निजी वाहनों से सफर को मजबूर हैं। करीब पांच साल पहले भीलवाड़ा से पाली मार्ग पर रोडवेज की तीन बसें थी, जो करेड़ा, देवगढ़, मारवाड़-जंक्शन होते पाली आती-जाती थी। आगार ने रोडवेज की तीनों बसें बंद कर दी।
प्रतापगढ़ डिपो ने इसी रूट पर लंबे समय से पाली के लिए रोडवेज बस चालू की, जो अभी चल रही है, लेकिन भीलवाड़ा डिपो इस मार्ग पर रोडवेज के फिर संचालन को लेकर गंभीर नहीं हैँ। इसके अलावा पाली डिपो की चार रोडवेज बसें भीलवाड़ा आती है। दोपहर 12.30 बजे बाद पाली के लिए रोडवेज नहीं है। भीलवाड़ा स्टेशन से सुबह 11.35 बजे इकलौती इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस है। पहले पाली डिपो की 12 बसें पाली-भीलवाड़ा के मध्य संचालित होती थी। यानी दिन में हर घंटे एक बस मिलती थी।
इनका संचालन बंद होने से यात्री ब्यावर, अजमेर होकर भीलवाड़ा पहुंचते हैं, जिसमें समय और धन दोनों ज्यादा लगता है। भीलवाड़ा से वाया करेड़ा, देवगढ़, मारवाड़-जंक्शन, पाली होकर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर आने-जाने का यह सबसे छोटा मार्ग है, किंतु इन डिपो से भी रोडवेज बसों का संचालन बंद किए जाने से यात्री परेशान हैं। आगार प्रबंधक हेमराज मीणा ने कहा कि भीलवाडा से पाली होकर जोधपुर शैड्यूल बंद है। बसें फिर चालू कराने को एमडी से नई 15 बसों की डिमांड की। आचार संहिता समाप्त होने के बाद पाली, जोधपुर बंद रूट पर पुन: बसों का संचालन चालू करवा देंगे।
एमडी को बता दिया
डिपो में बसों की कमी है। स्टॉफ भी कम है। इसके चलते दस रूट बंद है। इस संदर्भ में एमडी को अवगत करवाया है। लोकसभा चुनाव के बाद ही समस्या के निराकरण की सम्भावना है। हेमराज मीणा, मुख्य प्रबंधक भीलवाड़ा आगार
पराए कंधों का सहारा
हालात पर गौर किया जाए तो डिपो पराए कंधों के आसरे पर है। डिपो में करीब एक चौथाई बसें अनुबंध पर चल रही हैं। इनके चालक भी निजी हैं। इस समय डिपो में 87 बसों का बेड़ा है। इनमें तीस बसें अनुबंध पर हैं। बसों की लगातार कमी को देखते हुए हाल ही में रोडवेज प्रबंधन ने हर आगार में दस-दस अनुबंधित बसों को बढ़ाने का फरमान जारी किया है। इससे अनुबंधित बसों की संख्या हर आगार में ज्यादा हो जाएगी।