जाहिर है कि बुर्का मुस्लिम महिलाओं की पारंपरिक पोशाक है। ऐसे में बीजेपी की शिकायत एक नए विवाद को जन्म दे रही है। बीजेपी ने पोलिंग बूथ पर बुर्का पहनकर आने वाली महिला वोटर्स की जांच कराने की मांग की है। बीजेपी ने अंदेशा जताया है कि बुर्का पहनकर महिलाएं फर्जी वोट डालने की कोशिश कर रही हैं।
बीजेपी की तरफ से जेपीएस राठौर ने चुनाव आयोग को लिखे खत में छठे और सातवें चरण के मतदान के दौरान पोलिंग बूथ पर बुर्के में आने वाली महिलाओं की वोटर आईडी की जांच के लिए महिला कांस्टेबल और महिला पुलिस अफसरों को तैनात करने को कहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भेजी शिकायत में कहा है कि चूंकि बड़ी संख्या में महिलाएं बुर्का पहनकर मतदान करने आती हैं। लिहाजा उनकी पुख्ता पहचान के लिए महिला कांस्टेबल को तैनात किया जाए, जिससे फर्जी मतदान न हो सके। इस शिकायत में छठे और सातवें चरण के मतदान के दौरान संवेदनशील बूथों पर पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की मांग की है।
विपक्ष ने बीजेपी की शिकायत पर हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी चुनाव में अपने हार की संभावना से डरकर ऐसे हथकंडे अपना रही है। पांच चरण के चुनाव के बाद बीजेपी को अब यह बात क्यों याद आ रही है। इस मामले पर सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि इस ओछी हरकत से बीजेपी की मानसिकता का पता चलता है। जब चुनाव आयोग द्वारा हर किसी को वोट डालने के लिए पर्ची दी जाती है, तो फर्जी मतदाताओं के होने का सवाल ही नहीं उठता है।
सपा नेता ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों को पर्दे के अंदर झांकने की आदत है. इनके प्रधानमंत्री बाथरूम तक को नहीं छोड़ते हैं। ये इनकी हताशा का प्रतीक है। साथ ही कहा कि सांप्रदायिक सोच रखने वाले बीजेपी के लोग एक ही धर्म विशेष को निशाना बना रहे हैं।
इस बीच एडिशनल चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर पीके पांडेय का कहना है कि बीजेपी की तरफ से ऐसा खत मिला है, जिसमें एडिशनल महिला पुलिस बल की मांग की गई है। साथ ही बुर्कानशीं महिलाओं की जांच की भी मांग की गई है। हमने वो चिट्ठी मुख्य चुनाव अधिकारी को भेज दी है। गौरतलब है कि 19 फरवरी को फतेहपुर में पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान यूपी सरकार पर आरोप लगाया था कि वह भेदभाव करती है।