क्षेत्र में अधिकांश जल स्रोत सूख गए हैं। ग्रामीण अंचल में किसान व आम लोग पशुओं को पालते हैं।ऐसे में कई किसानों के घरों में गाय, भैंस ,बकरियां व अन्य पशु बंधे रहते हैं। उनके लिए भी पानी प्रतिदिन आवश्यकता है,लेकिन जलदाय विभाग द्वारा पशुओं के लिए पानी देने से साफ इंकार कर रहा है। ऐसे में लोगों के समक्ष पशुओं के लिए पानी की समस्या है।
टैंकर खाली होने के बाद कई लोग दोबारा टैंकर आने का इंतजार करते रहते हैं।जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आगे से ही गाइडलाइन बनी है कि गर्मी के मौसम में टैंकरों से जल परिवहन के दौरान प्रति व्यक्ति 10 लीटर पानी ही देना सुनिश्चित है। ऐसे में गांव में जिस समय पानी के टैंकर जाते हैं। तो महिलाओं में पानी भरने के लिए मारामारी मच जाती है, जबकि जलदाय विभाग की गाइडलाइन के अनुसार प्रति व्यक्ति 50 लीटर मिलना चाहिए।
ग्राम पंचायत उमर के पूर्व सरपंच खेमराज मीणा ने बताया कि यहां पर उपरला पाड़ा में मात्र दो ही टैंकरों से जल परिवहन किया जा रहा है। जबकि बस्ती बड़ी होने के कारण कई मोहल्ला के लोगों को पानी नहीं मिलता।मीणा ने बताया कि प्रति व्यक्ति 10 लीटर पानी के हिसाब से पानी कम पड़ जाता है।कई लोग अधिक पानी भर लेते हैं, पीछे रहने वाले परेशान रहते हैं।
-टरडक्या के भंवरलाल गुर्जर का कहना है कि गांव में पानी की व्यवस्था नहीं होने से यहां पर आने वाले टैंकर से पीने के साथ पशुओं के लिए भी पानी भरना पड़ता है ।ऐसे में एक टैंकर गांव के लोगों को लिए कम पड़ता है।