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स्टार्टअप्स को लेकर सामने आया बड़ा सच, युवाओं का फीडबैक देख चौंक जाएंगे आप

ट्रेंड धीरे-धीरे बदल रहा है। टेक्नोक्रेट विभिन्न सरकारी और प्राइवेट फंडिंग संस्थानों से वित्तीय सहायता लेकर स्टार्ट अप लगा रहे हैं। टेक्नोक्रेट और यूजी-पीजी डिग्रीधारक युवा स्थानीय मार्केट के साथ बेरोजगारों को भी अवसर दे रहे हैं। सूर्य प्रकाश, मनीष, सौम्या विकास, और विशाखा जैसे कई टेक्नोक्रेट युवाओं की स्टार्ट अप में रुचि बढ़ रही […]

अजमेरMay 22, 2024 / 04:35 pm

raktim tiwari

Youth set start up in india

Youth set start up in india

ट्रेंड धीरे-धीरे बदल रहा है। टेक्नोक्रेट विभिन्न सरकारी और प्राइवेट फंडिंग संस्थानों से वित्तीय सहायता लेकर स्टार्ट अप लगा रहे हैं। टेक्नोक्रेट और यूजी-पीजी डिग्रीधारक युवा स्थानीय मार्केट के साथ बेरोजगारों को भी अवसर दे रहे हैं।
सूर्य प्रकाश, मनीष, सौम्या विकास, और विशाखा जैसे कई टेक्नोक्रेट युवाओं की स्टार्ट अप में रुचि बढ़ रही है। कई नौजवानों ने अपना उद्यम लगाने के अलावा कंसलटेंसी कंपनी तक खोली हैं। आईटी करने के बावजूद युवा स्थानीय लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। इसमें परिवार के नजदीक रहने की सोच भी शामिल है।
इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक और आईटीआई संस्थानों से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी बीटेक की डिग्री-डिप्लोमा लेकर निकल रहे हैं। 15 -20 साल पहले तक टेक्नोक्रेट्स का मल्टीनेशनल, प्राइवेट कंपनी अथवा सरकारी नौकरी की तरफ रुझान होता था। अब ट्रेंड धीरे-धीरे बदल रहा है। टेक्नोक्रेट विभिन्न सरकारी और प्राइवेट फंडिंग संस्थानों से वित्तीय सहायता लेकर स्टार्ट अप लगा रहे हैं।
तैयार किया रोबोट

बी.टेक की डिग्रीधारक सूर्य प्रकाश सामोता ने बताया कि निजी सॉफ्टवेयर कंपनी में कामकाज के अलावा कई टेक्नोक्रेट के साथ मिलकर स्टार्ट अप भी चला रहे हैं। उन्होंने रोबोट गीगा भी तैयार किया है। जिससे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, होटल अथवा कंपनी में उसकी सेवाएं ली जा सकेंगी।
ऑनलाइन मेडिसिन-हैल्थ केयर एप

देश के हैल्थ केयर सिस्टम को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन डिग्री धारक विकास चौहान और उसके दोस्तों का खासा योगदान है। उनके द्वारा तैयार एप में ऑनलाइन दवाओं का सबसे बड़ा डाटा है। टीम में शामिल कई युवा चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार दवाओं, फूड सप्लीमेंट की ऑनलाइन ऑर्डर पर उपलब्धता, ब्लड टेस्ट जैसी सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
साइंस के ऑनलाइन वीडियो

इसी तरह दिलराज साइंस के वीडियो बनाकर अपलोड करते हैं। उनके 22 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।वे स्थानीय युवकों को भी प्रेरित कर उन्हें रोजगार से जोड़ रहे हैं। कार को रिमोट से कन्ट्रोल से चलाने, गैस के प्रयोग से आदमी की आवाज बदलने का नवाचार कर चुके हैं। देश की कई कंपनियां उनसे वीडियो बनवाती हैं।
स्टार्ट अप को लेकर बढ़ा रुझान

सरकारी नौकरियों में विलंब और भर्तियां नहीं होने से युवाओं का रुझान स्टार्ट अप की तरफ बढ़ रहा है। स्टार्ट अप का देश में मार्केट कैप 10.4 लाख बिलियन के आसपास पहुंच गया है। इनमें फूड एंड बेवरेज, होटल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, सर्विस सेक्टर, कंस्ट्रक्शन, एज्यूकेशन, मैनेजमेंट, ईवेंट मैनेजमेंट, एन्टरप्रन्योरशिप, रेस्टोरेंट, कंसलेटेंसी, प्रॉपर्टी एंड एग्रीकल्चर, मेडिकल, फास्ट फूड और अन्य सेक्टर शामिल हैं। युवाओं का बढ़ता रुझान आने वाले दस साल में स्टार्ट अप मार्केट कैप को 25 लाख बिलियन डॉलर से ज्यादा बढ़ा देगा।
यों कर रहे युवाओं को प्रेरित

-नए आइडिया पर हमेशा करते रहें काम

-नॉलेज और मेहनत सबसे बड़ी पूंजी-वित्तीय संस्थानों से मिलने वाली सहायता की जानकारी

-आईटी और कंप्यूटर नॉलेज जानना बहुत जरूरी-कारोबार में टीम वर्क और ईमानदारी
-घर से दूर रहने के बजाय परिवार को महत्ता

इन क्षेत्रों में कामकाज कर रहे स्टार्ट

रिटेल सर्विस-15 प्रतिशत

स्वास्थ्य सेवाएं- 20 प्रतिशत

सॉफ्टवेयर एवं तकनीकी सेवा-20 प्रतिशत

ट्रांसपोर्ट एंड लॉजिस्टिक्स-22.1 प्रतिशत
परिवहन एवं रसदकंज्यूमर गुड्स-30.5मीडिया एवं मनोरंजन-25

फूड एंड बेवरेजेस-40 प्रतिशतएक्सपर्ट कमेंट

युवाओं के नजरिए में बदलाव हो रहा है। स्टार्ट अप में 25 से 35 प्रतिशत तक बढ़ता रुझान अच्छा संकेत हैं। खासतौर पर टेक्नोक्रेट और यूजी-पीजी डिग्रीधारक युवा स्थानीय मार्केट के साथ बेरोजगारों को भी अवसर दे रहे हैं। यह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जरूरी है।
डॉ.उमाशंकर मोदानी, पूर्व प्राचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज

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