तीन सांसद भी जीते
स्वामी स्वरूपानंद के नेतृत्व में लड़े गए देश के पहले आम चुनाव में राजराज्य परिषद ने कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों को कड़ी टक्कर दी। पार्टी के तीन प्रत्याशी जीतकर संसद पहुंचे। हालांकि जबलपुर के चिरऊ महाराज फूलपुर में प्रधानमंत्री नेहरू को खासी टक्कर नहीं दे सके लेकिन उन्होंने देश-विदेश में जमकर सुर्खियां बटोरीं।
गुरुभाई करपात्री महाराज ने बनाया था अध्यक्ष
करपात्री महाराज ने 1948 में एक राजनीतिक दल का गठन किया था। रामनवमी के दिन बनाए गए इस दल का नाम रामराज्य परिषद रखा गया और करपात्री महाराज ने गुरुभाई स्वरूपानंद सरस्वती को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। उस समय देश में कांग्रेस का ही प्रभुत्व था लेकिन संतों के मार्गदर्शन और स्वामी स्वरूपानंद के नेतृत्व में रामराज्य परिषद तेजी से लोकप्रिय हुआ। इसका प्रभुत्व ऐसा बढ़ा कि यह कांग्रेस को चुनौती देने वाले अहम दलों में गिना जाने लगा।