वहीं रोगियों को राहत देने लिए सरकार की ओर से एक और सोनोग्राफी मशीन भिजवाई है, जो स्थान के अभाव में डिब्बाबंद रखी है। दरअसल जिला चिकित्सालय में वर्तमान में सोनोग्राफी जांच के लिए तीन मशीनें स्थापित व पंजीकृत हैं, लेकिन डेढ़ वर्ष से दो मशीनों का ही संचालन हो रहा है। इसके लिए सुबह ओपीडी शुरू होने पर सुबह 8 बजे सोनोग्राफी कक्ष के बाहर चिकित्सक परामर्श शुदारोगियों को टोकन वितरण करते हैं। इनमें 20 गर्भवती महिला, 20 सामान्य रोगी के टोकन शमिल हैं।
जबकि 10-15 भर्ती रोग व 10 आपात स्थिति के लिए सोनोग्राफी टोकन आरक्षित रखे जाते हैं। आउटडोर में चिकित्सक से परामर्शशुदा रोगी की टोकन के अभाव में सोनोग्राफी जांच नहीं हो पाती है। इसके चलते रोगियों को टोकन हासिल करने के लिए दूसरे दिन सुबह चिकित्सालय पहुंचना पड़ता है। इधर आरएमएससीएल से 13.60 लाख रुपए की लागत की एक और सोनोग्राफी मशीन आने से चिकित्सालय में मशीनों की संख्या चार हो गई है, लेकिन दो के ही संचालित होने से रोगियों को इनका लाभ नहीं मिल रहा है।
6 चिकित्सक हैं अधिकृत
जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट का पर रिक्त होने से सोनोग्राफी जांच के लिए 6 चिकित्सकों का सीएमएचओ कार्यालय से पंजीयन किया हुआ है। इनमें डॉ. दिनेश गुर्जर व डॉ. रंजना खोंखर गर्भवती महिलाओं व डॉ. आशीष शर्मा, डॉ. रामराज मीणा, डॉ. एसपी सोलंकी, डॉ. अवधेश सोलंकी सामान्य सोनोग्राफी जांच के लिए अधिकृत हैं।
रेडियोलॉजिस्ट के बिना नहीं होती कई जांचें
रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से कई प्रकार की सोनोग्राफी जांच नहीं होती हैं। ऐसे में रोगियों को जयपुर या करौली जाना पड़ता है। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक के अभाव में स्क्रोटल रीजन, ब्रेस्ट ट्यूमर, गला व हाथ पैर आदि की सोनाग्र्राफी जांच नहीं हो रही हैं।
फैक्ट फाइल : चिकित्सालय में हुई सोनोग्राफी जांच
वर्ष सामान्य गर्भवती जांच जांच
2013 2903 207
2014 5250 777
2015 1437 404
2016 5073 1841
2017 5555 1711
2018 6832 817
2019 6050 294
2020 6170 4419
2021 7204 5849
2022 8499 6913
2023 9830 7712
2024 2133 1871 (मार्च तक)
जांच के लिए भर्ती की निकाली गली
चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार प्रतिदिन 60-65 रोगियों की सोनोग्राफी में 40 टोकन वितरित होते हैं। ऐसे में टोकन से वंचित रहे रोगी उसी जांच कराने के लिए भर्ती होने का रास्ता निकालने लगे हैं। ताकि इंडोर रोगियों की सूची में शामिल होकर सोनोग्राफी जांच हो जाए।
इनका कहना है
चिकित्सालय में एक और सोनोग्राफी मशीन आने से संख्या बढ़कर चार हो गई है। चारों मशीनों को संचालित कर रोगियों को कतार से राहत दी जाएगी। रेडियोलॉजिस्ट के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा। डॉ.पुष्पेंद्र कुमार गुप्ता, पीएमओ, जिला चिकित्सालय हिण्डौनसिटी