राष्ट्रीय ध्वज का सबसे ऊपरी केसरिया रंग बलिदान का प्रतीक माना गया है, जबकि सफेद रंग राष्ट्र की शांति, शुद्धता और ईमानदारी का प्रतीक है, वहीं हरा रंग विश्वास, ऊर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति को दर्शाता है। इसके बीच में स्थिति अशोक चक्र की 24 तिलियां पूरे 24 घंटों को दर्शाती है। यह हिन्दू धर्म के 24 धर्म ऋषियों को भी दर्शाती है।
mp.patrika.com आपको गणतंत्र दिवस के मौके पर बताने जा रहा है देश का वह प्रतीक जो कई प्रदेशों में बड़े ही शान से लहरा रहा है। जो अपने आप में विश्व में सबसे ऊंचे होने के लिए प्रसिद्ध हैं तो कुछ सबसे बड़े होने के लिए जाने जाते हैं।
1. तेलंगाना 303 फीट
2. रांची – 293 फीट
3. लखनऊ- 270 फीट
4. रायपुर – 269 फीट
5. फरीदाबाद– 250 फीट
6. भोपाल- 235 फीट
7. कनाट प्लेस दिल्ली- 207 फीट यह भी है खास -भोपाल शहर में फहराया गया तिरंगा तेज हवा में कई बार फट चुका है।
-झंडे को सिलवाने के लिए प्लेन से मुंबई भी भेजा जा चुका है।
– इस तिरंगे को उतारने के लिए करीब 30 आदमी चाहिए होते हैं।
– ये तिरंगा दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा झंडा है।
– इसकी लागत खंभे समेत करीब 1 करोड़ रुपए है।
– तिरंगे की कीमत डेढ़ लाख रुपए है।
– इसका आकार 60 गुणा 90 फीट का है।
– पोल की ऊंचाई 235 फीट है।
– विश्व का सबसे बड़ा झंडा सउदी अरब में है, लेकिन ये तिरंगा नहीं है। ये जेद्दा में लगा है।
उसका आकार 110 गुणा 165 फीट है और ऊंचाई 558 फीट।
-फरीदाबाद का झंडा लिमका बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज है।
यहां है विश्व का सबसे ऊंचा और बड़ा झंडा
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने 24 जनवरी 2016 को रांची के पहाड़ी मंदिर पर विश्व का सबसे ऊंचा और सबसे बडा़ तिरंगा फहराया था। यह तिरंगा 66 फीट लंबा, 99 फीट चौड़ा हैऔर इसे 293 फीट ऊंचे खंभे पर फहराया गया है।
अटारी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश का सबसे ऊंचा तिरंगा लहराएगा, जो पाकिस्तान के लाहौर से भी नजर आएगा। यह 350 फीट ऊंचा रहेगा जो देशभर में सर्वाधिक ऊंचा होगा। इसको बनाने की तैयारी दिसंबर अंत में शुरू हो गई थी। इसकी लागत करीब साढ़े चार करोड़ रुपए आएगी।