इस क्षेत्र के नगर निकाय में कांग्रेस यहां की सबसे बड़ी पार्टी मानी जाती है। जहां उसने अपने 73 उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारे हैं। तो वहीं एनसीपी-जनता दल (सेक्युलर) के 66 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपने भाग्य अजमाने उतरे हैं।
वहीं सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस बार यहां से सबसे अधिक मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव में खड़ा किए है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में पार्टी इस चुनाव के जरिए पीएम मोदी के लहर का अंदाजा लगाना चाहती है।
नगर निगम चुनाव में हैदराबाद स्थित असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल-इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) भी इस चुनाव में पहली बार अपनी किस्मत पर दाव लगाने जा रही है। जहां उसने अपने 37 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने जा रही है। उधर शिव सेना अपने 25 उम्मीदवारों के साथ मैदान में होगी।
गौरतलब है कि पिछले बार साल 2012 में मालेगांव नगर निगम चुनाव में बीजेपी ने 24 उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन सभी को हार का सामना करना पड़ा था। तो वहीं यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिए थे। जिसे लेकर पार्टी की काफी आलोचना भी हुआ थी। इसी को ध्यान रखते हुए बीजेपी ने यहां से 45 उम्मीदवार मैदान में खड़े किए हैं।