पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने गर्मी में पशुओं को लू से बचाव को लेकर जिले के पशुपालकों और गौशाला संचालकों से जरूरी उपाय अपनाने की अपील की है। तेज धूप और गर्मी के कारण गर्म हवाएं चलने से पशुओं को लू लगने और बीमार होने की संभावना अधिक रहती है। गर्मी के मौसम में बढ़ते तापमान से जानवरों को लू लगने की आशंका रहती है। शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है, जिससे पशुओं को तेज बुखार होने के कारण नाक से बहाव, आंखों से आंसू गिरना, तेज सांस लेना तथा सुस्त होकर खाना पानी बंद करने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसलिए जरूरी है कि पशुओं को छाया में रखें और पर्याप्त पानी पिलाएं।
अधिक से अधिक पानी पिएं, ओआरएस का घोल, लस्सी, नींबू, आम का पना, पुदीना का लगातार सेवन करें।
जितना संभव हो दोपहर में 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
धूप में निकलते समय सिर ढककर रखें। टोपी, गमछा, दुपट्टा, छतरी आदि का उपयोग करें।
धूप में निकलने से पहले भरपूर मात्रा में पानी या अन्य तरल पेय पिएं। अधिक गर्मी होने परे ठंडे पानी से शरीर को पोंछा जा सकता है। शरीर का तापमान सामान्य रखने के लिए कई बार नहाया भी जा सकता है।
अत्यधिक तेज, मसाले और प्रोटीन वाले भोजन से बचें। चाय-कॉफी का भी कम से कम उपयोग करें।
कमरों को ठंडा रखने के लिए पंखा, वाटर कूलर, एसी आदि का उपयोग करें।
–वीएस उपाध्याय, सीएमएचओ