दरअसल, डीएम मंगेश यहां इंटर कॉलेज में रुटीन दौरा के तौर पर गए थे। लेकिन वहां जाने के बाद उन्हें पता लगा कि स्कूल में विज्ञान विषय पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है। इसके बाद समाधान खोजने निकले डीएम ने खुद अपनी पत्नी से इस बारे में बातचीत की। उनकी पत्नी ऊषा घिल्डियाल जो खुद पंतनगर यूनिवर्सिटी से प्लांट पैथलॉजी में पीएचडी कर रखी है। मंगेश ने उन्हें स्कूल में साइंस पढ़ाने को कहा। और पत्नी भी उनकी बात मान गई।
और उसके बाद डीएम मंगेश ने फैसला लिया कि जब तक कन्या इंटर को नया साइंस टीचर नहीं मिल जाता है। तब तक उनकी पत्नी इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाएंगी। इस बारे जब मंशेल से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि वह रुटीन दौरा पर स्कूल गए थे। लेकिन देखा कि टीचर की समस्या के कारण कुछ बच्चे दूसरी जगहों पर दाखिला लेने को विवश थे। जिसे लेकर उन्होंने अपनी पत्नी से बातचीत की और उनकी पत्नी ने भी उनके फैसले का स्वागत किया।
साल 2011 बैच के आईएएस मंगेश घिल्डियाल ने इस बारे में हालांकि किसी को बताने से साफ मना कर रखा था, लेकिन इस तरह की समाजिक संवेदना से जुड़ी बाते किसी ना किसी जरिए लोगों तक पहुंच ही जाती है। तो वहीं मंगेश यूपीएएसी की परीक्षा में पूरे देश में चोथी रैंक हासिल की है। उन्होंने बताया कि स्कूल में टीचर की कमी को देखते हुए शासन स्तर पर जल्द ही शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।