शहर में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। ऐसे में गर्मी के कारण डायरिया तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। जिला अस्पताल के जनाना भवन में बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में पहले के मुताबिक अब बच्चों की संख्या डेढ़ गुनी हो गई है। जिनमें अधिकतर बच्चे डायरिया, बुखार और पेट दर्द से पीड़ित पाए गए। बुधवार को भी अस्पताल की ओपीडी में विभिन्न बीमारियों के 550 से अधिक मरीज उपचार के लिए आए। इनमें 400 से अधिक गर्मी जनित बीमारियों के पाए गए।
वहीं चिकित्सक गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं। गर्मी का प्रकोप बढऩे के साथ-साथ जिले में बुखार, डायरिया, उल्टी-दस्त और पेट दर्द के रोगियों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन बीमारियों की चपेट में सबसे अधिक बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं। बीमारियों के कारण इस समय सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पहुंच रही है।
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नवीन जिला अस्पताल में बुधवार को 1249 ने रजिस्टे्रशन कराया जिसमें से 200 लोगों को भर्ती किया गया। वहीं जनाना की ओपीडी में विभिन्न रोगों के 550 ने रजिस्टे्रशन कराया। जनाना अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. महेन्द्र ङ्क्षसह परमार और डॉ. विजय सिंह ने बताया कि गर्मी से उल्टी-दस्त, पेट दर्द और डायरिया की समस्या बढ़ गई है। गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। ऐसे में पड़ रही गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं। उन्होंने बताया कि डायरिया एक जल जनित बीमारी है। दूषित पेयजल से यह बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को साफ पानी या उबाल कर पीना चाहिए।
बच्चा वार्ड फुल
जनाना अस्पताल के शिशु कक्ष बुधवार को अलग-अलग बीमारियों के ग्रसित बच्चे से वार्ड फुल बना हुआ है। एक बेड पर दो-दो बच्चे भी भर्ती है। सभी गर्मी के चलते मौसम की चपेट में आ गए है। सभी को चिकित्सकों की निगरानी में उपचार दिया जा रहा है। जनाना अस्पताल में कूलिंग डट की ठंडक से भर्ती मरीजों को राहत है। उनको गर्मी में परेशान नहीं होना पड़ रहा है। वहीं इलाज कर रहे बच्चे भी गर्मी नहीं लगने से परिजनों को परेशान नहीं करते है।