तालुक में 84 झीलें हैं और 26 झीलों में पानी नहीं है। पूरे तालुक में निर्मित 87 स्वच्छ पेयजल इकाइयों में से 21 संयंत्र काम नहीं कर रहे हैं। तालुक के गांवों में कुल 373 ट्यूबवेल हैं, जिनमें से 103 के मरम्मत के स्तर पर हैं।
कार्रवाई नहीं कर रहे अधिकारी
लोगों का आरोप है कि यरगुप्पी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों में लोग ट्रैक्टर, गाय और बछड़ों को धोने के लिए पीने के पानी का उपयोग कर रहे हैं, इसके बावजूद स्थानीय अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बहु-ग्राम पेयजल योजना के माध्यम से यरगुप्पी, मुल्लोल्ली गांव को आपूर्ति किया जा रहा पानी चार दिनों तक संग्रहीत कर साफ होने बाद लोग पीने के लिए उपयोग कर रहे हैं।अगासिहोंडा झील का पानी हुआ प्रदूषित
तालुक क्षेत्र में खेतों से सूखी झीलों तक पानी पहुंचाने वाली नहरों से गाद हटाने का काम धीमी गति से चल रहा है। चिक्कनर्ती, बागवाड, यरिनारायणपुर, बेनकनहल्ली, गांवों की झील का पानी हरा हो गया है। कुंदगोल शहर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले अगासिहोंडा झील का पानी स्थानीय लोगों की गैरजिम्मेदारी के कारण प्रदूषित हो गया है।चार दिन में एक बार जलापूर्ति
यरगुप्पी के ग्रामीण वीरेश सस्विहल्ली ने बताया कि चार दिन में एक बार जलापूर्ति की जा रही है। यह पानी पीने योग्य नहीं है। चार दिन तक संग्रह करने के बाद ही पानी साफ होता है।तालुक में पानी की कमी नहीं होगी
हीरे गुंजल और यलिवाल गांवों में निजी बोरवेल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। शिरूर, कमडोली, बरदवाड़ गांवों में पानी की कमी है। नवेलु तीर्थ से किरेसूर झील तक पानी भरने का काम चल रहा है। तालुक में पानी की कमी न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।–एस.एस. खाद्रोली, कार्यकारी अधिकारी, तालुक पंचायत, कुंदगोल