मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में से कुल 66 प्रकरण लोक अदालत में रेफर किये गये थे, जिसमें से 38 प्रकरणों में कुल मिलाकर 36 लाख 8 हजार रूपए का एवार्ड पारित किया गया। धारा 138 के अंतर्गत 148 रेफर प्रकरणों में 10 प्रकरण निराकृत हुए तथा 6 लाख 66 हजार रूपए की राशि के एवार्ड पारित किये गए। न्यायालय में लंबित आपराधिक समनीय मामलों में 699 प्रकरण रखे गए जिसमें से 91 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ।
कुल मिलाकर न्यायालय में लंबित प्रकरणों में 1328 प्रकरण रखे गए जिसमें से 177 प्रकरण निराकृत हुये तथा 627789 रूपए का अवार्ड राशि पारित की गई। सिविल के प्रकरण 167 रखे गये, जिसमें से 6 प्रकरण निराकृत हुये तथा 800000 रुपए के अवार्ड पारित। साथ ही अन्य प्रकरणों में 187 प्रकरण रखे गये, जिसमें 32 प्रकरण निराकृत हुये, 917500 अवार्ड पारित हुआ। प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 1738 प्रकरण में से 29 प्रकरण निराकृत हुये तथा 1812800 रूपए की राशि बैंकों में जमा हुई। बिजली के 1109 पूर्ववाद प्रकरणों में से 42 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 580000 रूपए की राशि की वसूली की गई। इसी तरह नगर पालिका के जलकर के 298 प्रकरणों में से 127 प्रकरण निराकृत हुये और 217902 रूपए की वसूली की गई।
इनकी रही मौजूदगी
इससे पहले नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह तोमर द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर प्रथम अपर जिला न्यायाधीश आरएस कनौजिया, विशेष न्यायाधीश तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामसहारे राज, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संगीता पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आरपी अहिरवार, धर्मेन्द्र खण्डायत, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड खालिदा तनवीर, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड अमृता मिश्रा, तृतीय व्यवहार न्यायाधीश अपूर्व मेल्होत्रा, अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश दिव्या विश्वकर्मा, जिला अधिवक्ता संघ उमरिया पुष्पराज सिंह, लीगल एड डिफेन्स काउंसिल सिस्टम उमरिया के स्टाफ, जिविसेप्रा के कर्मचारीगण, जिला उमरिया के समाजसेवी, जिला न्यायालय के कर्मचारीगण, पैनल अधिवक्ता सुलहकर्ता अधिवक्ता उपस्थित रहे।