आरोप है कि इस बीच एक महिला नमृता पांडेय ने जब शाखा प्रबंधक सुनील चैधरी से महिला के पेट में दर्द होने से एम्बुलेंस को फोन करने को कहा तो प्रबंधक ने असभ्यता का परिचय देते हुए उसे लाइन में रहने को कहा। प्रसव पीड़ा तेज होने पर महिलाओं ने अपनी शॉल से ओट करके महिला का प्रसव कराया।
मामले की जानकारी मिलते ही पड़ोस की महिलाएं बैंक पहुंच गई और चादर देकर उन्हें सहूलियत बरती। जिसके बाद उसने अपने पांचवे पुत्र को जन्म दिया। इसके बाद दूसरी महिलाओं ने काउंटर से उसके पैसे लेकर उसे दिए और धीरे-धीरे बैंक के जीने से नीचे उतारा। वहीं कतार में खड़े अन्य लोगों ने झींझक चैकी पुलिस को फोन पर सूचना दी जिसके थाना मंगलपुर व झींझक चैकी पुलिस पंजाब नैशनल बैंक पहुंची और प्रसूता व बच्चे को उसके घर पहुंचाया।
लोगों में चर्चा रही कि काफी देर तक समाजवादी एम्बुलेंस को फोन किया गया, लेकिन फोन नहीं लगा। जिसके चलते दर्द से तड़पती महिला का यहीं प्रसव कराया गया। जैसे तैसे झींझक चैकी पुलिस ने अपनी जीप की मदद से प्रसूता व बच्चे को उनके गांव सरदारपुर घर पर पहुंचाया है। चैकी इंचार्ज झींझक संतोष कुमार आर्या ने बताया कि गर्भवती महिला देख बैंक कर्मियों को थोड़ी सहूलियत देनी चाहिए थी। प्रसव होने के बाद जीप से उसे सुरक्षित घर पहुंचा दिया गया है।