जहरीले जानवरो के अलावा मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोगों तक स्वास्थ्य सेवायें पहुंचा पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।इसी समस्या को देखते हुए सीआरपीएफ के जवानों ने में बर्मा ब्रिज बनाया।
स्थायी पुल की जगह प्रशासन ने बना दिया रपटा
सुकमा जिले के धर्मापेंटा के गुब्बल नाले पर पुल नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में किस्टाराम इलाके के दो दर्जन से ज्यादा गावों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट जाता है।ग्रामीणों को इमरजेंसी में जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है।
सुकमा•May 01, 2019 / 07:54 pm•
Deepak Sahu
सुकमा के दर्जनों गाँव को को बाहरी दुनिया से जोड़ता है सीआरपीएफ का बनाया रस्सी का पुल
सुकमा. छत्तीसगढ़ में आज भी ऐसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं जहाँ प्रशासन की पहुंच लगभग ना के बराबर है। जिसके कारण इन इलाकों के ग्रामीणों को सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी स्थानीय प्रशासन और नक्सलियों के कारण ग्रामीणों को नहीं मिल पाए रहा है।
जहरीले जानवरो के अलावा मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोगों तक स्वास्थ्य सेवायें पहुंचा पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।इसी समस्या को देखते हुए सीआरपीएफ के जवानों ने में बर्मा ब्रिज बनाया।
स्थायी पुल की जगह प्रशासन ने बना दिया रपटा