छिंदगढ़ के बुजुर्ग किसान श्री हरिसिंह नेगी ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष लगभग ढाई लाख रुपए से अधिक का धान विक्रय किया था, जिसका लगभग 85 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि उन्हें मिलेेगी। पहले किश्त के तौर पर उन्हें करीब 20 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनका लगभग 6 सात वर्ष पुराना ट्रेक्टर है, जिसका नांगर वे बदलना चाहते हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिली 20 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का उपयोग वे ट्रैक्टर नांगर खरीदने में करेंगे। ग्राम पुजारीपाल के रोहित राणा ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष लगभग 80 क्विंटल धान विक्रय किया था। शासन द्वारा घोषित नीति के तहत उन्हें लगभग 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलने की आशा है, जिसमें लगभग 13 हजार रुपए की पहली किश्त प्राप्त होने की बात कही। रोहित ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की किसानों के हित में उठाए जा रहे कदमों से उत्साहित हैं और उन्होंने इस वर्ष छः एकड़ भूमि का समतलीकरण भी करवाया है, जिसमें लगभग 20 हजार रुपए खर्च आया है। रोहित ने कहा कि भूमि समतलीकरण में खर्च हुई राशि के एक बड़े अंश की भरपाई इस योजना के संचालित होने से आसानी से संभव हो गई। रोहित ने बताया कि वे उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित बाड़ी योजना से भी जुड़े हैं और अपनी बाड़ी में भिंडी, बरबट्टी और भाजियों की खेती कर रहे हैं। रोहित अब और बेहतर कृषि करने के साथ ही अपने भाई-बहनों को भी अच्छी शिक्षा देने पर जोर दे रहे हैं। इसी गांव के रमाकांत बघेल ने बताया कि 73 क्विंटल से अधिक धान उन्होंने इस वर्ष बेची है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के पहले किश्त में उन्हें लगभग 13 हजार रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। लगभग दो एकड़ भूमि का उन्होंने समतलीकरण करवाया था, जिसका खर्च लगभग 20 हजार रुपए आया।
पतिनाईकरास के प्रगतिशील किसान लक्ष्मीनाथ बघेल ने बताया कि 200 क्विंटल से अधिक का धान उन्होंने इस वर्ष बेचा था। शासन द्वारा दी गई प्रोत्साहन राशि का उपयोग वे सब्जी-भाजी की खेती में उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह बताया कि क्षेत्र में सब्जियों की मांग को देखते हुए वे अधिक उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि देने के कारण सब्जियों की खेती में उन्हें बहुत सहुलियत हुई। रमाकांत ने बताया कि लगभग आधे एकड़ में उन्होंने बाड़ी विकास योजना के तहत सब्जियों की फसल भी ली और वहां भिंडी, बरबट्टी और तोरई लगाया। इससे भी उन्हें काफी लाभ हुआ। किसानों ने कहा कि शासन द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि प्रदान करने से मानसून के ठीक पहले खेती-किसानी की तैयारी की चिंता दूर हुई।