इन 125 गांवों का दर्द न राहुल दूर कर पा रहे और न ही वरुण गांधी
हलियापुर उत्थान समित के बैनर तले विगत विधानसभा चुनाव में 70 हजार वोटरों ने मतदान के बहिष्कार का एलान किया था। प्रशासन की बेरुखी के बाद सड़कों पर उतरी जनता का मूड भांपकर शासन-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए थे। यही नहीं दो वीआईपी जिलों के बीच का मामला होने के कारण यह मामला राजधानी दिल्ली की गलियों तक गूंजा था। इसी गूंज को सुनकर जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने हलियापुर उत्थान समिति के पदाधिकारियों को बुलाकर मामले को सुलटाने का भरोसा दिलाया था। विधानसभा क्षेत्र में आयोग द्वारा कराये गए परिसीमन को त्रुटिपूर्ण माना और जनता तथा हलियापुर उत्थान समिति के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया था कि विधानसभा चुनाव बाद इन 29 गांवों को हम बल्दीराय तहसील में जोड़ने का पूरा प्रयास करेंगे।विधानसभा चुनाव हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत गया है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम का तबादला हुए भी करीब साल भर होने को है, लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो वह है इन 29 गांवों के लोगों के हालात। तहसील बल्दीराय क्षेत्र के गांव हड़ौरा के रहने वाले प्रदीप पांडेय बताते हैं कि हम लोगों ने इन 29 गांवों को अमेठी जिले में किये जाने का पुरजोर विरोध किया था, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि हम लोगों का एक शिष्ट मंडल सांसद वरुण गांधी और अमेठी के सांसद राहुल गांधी से मिलकर मामले से अवगत कराया था, लेकिन दोनों नेताओं ने अभी तक इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया।
दो जिलों के चक्कर में पि स रहे 125 गांवों के लोग, सुलतानपुर में तहसील तो अमेठी में है पुलिस थाना
2019 के चुनाव में करेंगे बहिष्कारहलियापुर उत्थान समिति के उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश पांडेय एवं शिक्षक नेता सुरेश कुमार ने कहा कि हम लोग 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे। हम सब सुलतानपुर जिले में ही रहना चाहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरुण गांधी समस्या का समाधान नहीं करना चाहते। इसलिए हम सब 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे। अब यही एक रास्ता बचा है।
हलियापुर कानूनगो सर्किल के अंतर्गत आने वाले गांव फत्तेपुर, विश्वनाथपुर, तौधकपुर, उसका, मऊ, सरायबघा, जरईकला, हलियापुर, कानकरकोला, पिपरी, उमरा, जमालपुर, बड़ादाढ़, कुवांसी, तिरहुत, देहरियावा, कांपा, पौली, डीह, भवानीगढ़, रैंचा, मेघमऊ, हसुइ, मुकुन्दपुर, रामपुर, बब्बन, डोभियारा, दक्खिन गांव, सोरांव शामिल हैं।