दो माह पूर्व सऊदी अरब के रियाद शहर में मरे वशीर के बेटे नफीस का शव ईद के पूर्व संध्या पर सौंराई गांव पहुंचा । जानकारी के मुताबिक मोहम्मद नफीस पुत्र मोहम्मद वशीर उम्र 24 साल अक्टूबर 2015 में सऊदी अरब कमाने गया था । वहां पहुंचने पर उसे एक बिस्कुट फैक्ट्री में नौकरी मिल गई थी । जहां वह बड़े उत्साह से काम करता था कि अचानक दो माह पूर्व बिस्कुट फैक्ट्री में लगी आग से जलने से उसकी मौत की खबर आई । मौत की खबर मिलते ही घर मे कोहराम मच गया ।
बेटे का शव घर की देहरी पर देखते ही बूढ़े मां- बाप की पथराई आंखे भरभरा आईं । बूढ़े मां बाप सिर्फ अल्लाह को दोष दे रहे थे और रोते रोते चिल्ला रहे थे कि हाय मेरे लाल तू तो कमाने गया था ,तुझे क्या हुआ । या अल्लाह मैंने क्या बिगाड़ा था ,जो मेरा बेटा मुझसे छीन लिया ।
वशीर के बेटे की लाश आने की सूचना पर गांव और पड़ोसी गांवों के लोग सुबह से ही इकट्ठा होने शुरू हो गए थे । लोग गांव के लाल को आखिरी बार देखना चाहते थे ।नफीस के एकलौते बड़े भाई अनीस अहमद भाई की लाश सऊदी अरब से लाने के लिए विदेश मंत्रालय के बार गए । भी का अंतिम दर्शन करने उसकी बहन भी 4 दिनों से भाई के शव पहुंचने का इंतजार कर रही थी । शव पहुंचने पर वह बेहोश हो कर गिर गई । उधर लाश पहुंचते ही अनीस अहमद दहाड़ मारकर रोने लगे ,जिससे एक बार फिर पूरा माहौल गमगीन हो गया । फिलहाल नफीस का शव देर शाम सुपुर्दे ए खाक कर दिया गया ।