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सुल्तानपुर

पत्रिका पड़ताल : पटाखे की दुकानें कई, लाइसेंस सिर्फ चार के पास

चीफ ऑफिसर ने कहा कि इस बार दिवाली पर किसी भी दुर्घटना से निपटने के पूरे इंतजाम हैं

सुल्तानपुरOct 10, 2017 / 09:33 am

Hariom Dwivedi

crackers licence in up
सुल्तानपुर. दिवाली आते ही पटाखों से होने वाले हादसों में बेतहाशा वृद्धि हो जाती है। प्रशासन भी इन सभी बातों से बेपरवाह आगे की रणनिति बनाने में लग जाता है फिर वक़्त बीत जाता है और लोग उन हादसों को भूल जाते हैं। फिर वही कहानी दोहराई जाती है कि इस बार होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए पुख़्ता तैयारी की गई है। अगर पिछले 14 सालों की बात करें तो अवैध पटाखा कारोबार में अब तक 33 लोगों की जान जा चुकी है। कहीं पक्की इमारत जमींदोज़ हो गई तो कहीं किसी मासूम के चिथड़े उड़ गए। और तो और कहीं ऐसा भी हुआ कि किसी शव की शिनाख्त तक नहीं हो पाई। इन मामलों में एक बात सामने आई कि जितने भी पीड़ित रहे हैं वो कहीं न कहीं वैध या अवैध तरीके से पटाखा कारोबार से जुड़े थे।
दीपावली से पहले पत्रिका संवाददाता ने पड़ताल की, तो सामने आया कि शहर में अभी भी कई अवैध पटाखा दुकानें संचालित हो रही हैं, जिनके पास लाइसेंस तक नहीं है। बहरहाल इसे सिस्टम समझें या फिर सेटिंग, कई अवैध पटाखा कारोबारी आज भी अपना काम धड़ल्ले से कर रहे हैं। वजह भी साफ है। सरकारी सिस्टम में कहीं न कहीं झोल जरूर है।
दुकानें कई, लाइसेंस सिर्फ चार को
बीते सालों में जिस तरह से इन पटाखों की वजह से बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं। एक बात तो बिल्कुल साफ है कि अवैध पटाखा कारोबार किसी न किसी की शह पर चलता है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि नगर क्षेत्र में सिर्फ चार दुकानों को लाइसेंस मिला हुआ है और वो भी बाबूगिरी के चक्कर में रिनिवल के लिए मेज़ पर पड़ा हुआ है। ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर जिले में पटाखों की इतनी बड़ी खेप कहां से आती है। स्पष्ट है कि कई जगह अवैध तरीके से पटाखा बनाने का कारोबार चलता रहता है। लेकिन प्रशासन तभी चेतता है जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाती है।
दुर्घटना से निपटने के इंतजाम पूरे
पत्रिका संवाददाता ने अवैध और वैध पटाखों की दुकानों सें संबंधित गाइडलाइन के बारे में बात की तो चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि इस बार किसी भी दुर्घटना से निपटने के पूरे इंतजाम हैं। पटाखा व्यवसाइयों को भी जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही जागरूकता के लिए कैम्पेन भी चलाया जा रहा है, जिससे आम जनमानस को भी इस तरह की दुर्घटना से बचाव का तरीका मालूम हो सके।
रिपोर्ट- फरीद अहमद

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